मर्सी कुट्टन

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जन्म स्थान

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मर्सी कुट्टन(जन्म १ जनवरी १९६०)एक पूर्व भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट है। वह छह मीटर पार करने वाली पहली भारतीय महिला लंबी जम्पर थीं। १९८९ में,मर्सी को भारतीय एथलेटिक्स में उनके योगदान के लिए अर्जुन पुरस्कार मिला।वह वर्तमान में केरल राज्य खेल परिषद के उपाध्यक्ष हैं। केरल में मर्सी कुट्टन पैदा हुई थी।

वैवाहिक जीवन

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मर्सी का विवाह मुरली कुट्टन से हुआ है,जो ४०० मीटर के राष्ट्रीय चैंपियन हैं। मर्सी कुट्टन दो बेटों,सूरज कुट्टान और सुजीत कुट्टान की मां हैं। मर्सी और मुरली पहले भारतीय एथलेटिक जोड़े थे जिन्होंने राष्ट्रीय चैंपियन बनकर एशियाई पदक जीता। मुरली ने कोच की भूमिका निभाई और मर्सी को लंबी कूद से ४०० मीटर तक स्थानांतरित करने पर असर डाला। मर्सी और मुरली दोनों ने टाटा स्टील,जमशेदपुर के लिए काम किया।

उपलब्धियां

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उनकी पहली अंतर्राष्ट्रीय सफलता एथलेटिक्स में १९८१ एशियाई चैम्पियनशिप में आई। उन्होंने लंबी कूद और ४x४०० मीटर रिले में डबल कांस्य पदक जीता। अगले वर्ष १९८२ में एशियाई खेलों में उन्होंने लंबी कूद में रजत पदक जीता। उन्होंने एथलेटिक्स में १९८३ विश्व चैंपियनशिप में लंबी कूद में भारत का प्रतिनिधित्व किया,लेकिन अंतिम दौर के लिए अर्हता प्राप्त नहीं की। एशियाई ट्रैक और फील्ड मीटिंग में पदक जीतने के लिए मर्सी केरल से पहली महिला होने का गौरव उन्हे है। लंबी कूद में उनका निजी सर्वश्रेष्ठ ६.२९ मीटर है। अपने करियर के बाद के चरण में उन्होंने स्प्रिंट पर स्विच किया और ४०० मीटर के लिए प्रतिस्पर्धा शुरू कर दी। उन्होंने १९८८ में सियोल ओलंपिक में ४०० मीटर में भाग लिया और दूसरे दौर में पहुंचने में कामयाब रही। मर्सी ने राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय और अन्य स्तर में कई उपलब्धियां जीती हैं।

राष्ट्रीय पुरस्कार

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उन्होंने ४ राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्राप्त किए हैं ;१) १९७६-७८ लंबी कूद में नेशनल स्कूल गेम्स चैंपियन,२) १९७९-८० ऑल इंडिया इंटर-यूनिवर्सिटी चैंपियन १०० मीटर,२०० मीटर और लंबी कूद में,३) १९७९-८७ लंबी कूद में राष्ट्रीय चैंपियन और ४) १९८८-४०० मीटर में राष्ट्रीय चैंपियन रही है।

अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

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उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर में ११ उपलब्धियां प्रप्त की हैं जो है;१) १९८०-लाहौर में पाकिस्तान नेशनल गेम्स में लंबी कूद,४x४०० मीटर और ४x१०० मीटर रिले में गोल्ड मेडल,२) १९८१ में मॉस्को में विश्व स्पार्टाकैड १९८१ में भारत का प्रतिनिधित्व किया गया,३) १९८१ कांस्य पदक लंबी कूद में और एशियाई ट्रैक और क्षेत्र में ४x४०० मीटर रिले टोक्यो में,४) १९८२-रजत पदक नई दिल्ली में ९वें एशियाई खेलों में लंबी कूद में,५) १९८२-ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया,६) १९८३-हेलसिंकी में पहली विश्व एथलेटिक मीट में लंबी कूद में भारत का प्रतिनिधित्व किया,७) १९८३-कुवैत में एशियाई ट्रैक और फील्ड मीटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व किया,८) १९८६-सियोल में १० वें एशियाई खेलों में लंबी कूद में भारत का प्रतिनिधित्व किया,९) १९८७-कलकत्ता में एस एए फ खेलों में लंबी कूद में गोल्ड मेडल,१०) १९८८-सियोल ओलंपिक में ४०० मीटर और ४x४०० मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व किया,११) १९८९-नई दिल्ली में एशियाई ट्रैक और क्षेत्र में ४×४०० मीटर रिले में गोल्ड मेडल जीता है।उन्होनें अन्य स्तरो में भी कई उपलब्धिया जीती हैं;१)प्रथम विश्व एथलेटिक चैम्पियनशिप में भारतीय टीम की कप्तान रही थी,२)विश्व एथलेटिक चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए भारत की पहली महिला,३)पहली भारतीय महिला भारत में ६ मीटर लंबी दूरी पर पार करने वाली,४) १९८० से सात साल तक लंबी कूद में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक,५) १९ साल के लिए नेशनल स्कूल रिकॉर्ड धारक,६) २७ साल के लिए राष्ट्रीय विश्वविद्यालय रिकॉर्ड धारक,७)राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोनों ट्रैक और फील्ड कार्यक्रमों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट,८) एशियाई खेलों के व्यक्तिगत पदक जीतने के लिए भारत से पहला जोडा(मुरली कुट्टन)।

एथलेटिक्स अकादमी

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मर्सी और मुरली वर्तमान में कोच्चि में "मर्सी कुट्टन एथलेटिक्स अकादमी" चला रहे हैं। मर्सी कुट्टन एथलेटिक एडेमी एक गैर-लाभकारी चैरिटेबल ट्रस्ट है जो जून,२००९ में ११ छात्रों के साथ स्थापित किया गया था। केरल सरकार और केरल स्पोर्ट्स काउंसिल द्वारा मान्यता प्राप्त एक गैर-लाभकारी संस्था अकादमी ने छह साल के सफल संचालन पूरे किए हैं। पहले वर्ष (२००९-१०) के दौरान सामना किए जाने वाले वित्तीय संकटों के बावजूद, एथलीटों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं प्रदान की गईं और अकादमी ने खेल के मैदान में खुद के लिए एक निशान बनाया। अकादमी ने कई एथलीटों का निर्माण किया है जिन्होंने अपनी स्थापना के बाद छह साल की अवधि में राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धियां हासिल की हैं। मर्सी कुट्टन अकादमी में सभी योगदान आयकर अधिनियम की धारा ८०जी के तहत छूट दी गई है। [1] [2]

  1. https://en.wikipedia.org/wiki/Mercy_Kuttan
  2. https://www.wikidata.org/wiki/Q6818771