सर्वनिष्ठ (समुच्चय सिद्धान्त)
समुच्चय सिद्धान्त
समुच्चयों का सर्वनिष्ठ अथवा प्रतिच्छेद (Intersection) दो या दो से अधिक समुच्चयों के उभयनिष्ठ अवयवों के समुच्चय को कहते हैं। समुच्चय A और B के सर्वनिष्ठ को A ∩ B से निरुपित किया जाता है एवं इसे 'A सर्वनिष्ठ B' पढ़ा जाता है।[1] यदि दो समुच्चयों का सर्वनिष्ठ समुच्चय रिक्त समुच्चय है तो उन समुच्चयों को असंयुक्त समुच्चय कहा जाता है।[1][2]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ शीलवंत सिंह (2011). सिविल सेवा प्रारम्भिक परिक्षा. टाटा मैकग्रा - हिल एजुकेशन. पृ॰ 54. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780071074810.
- ↑ "Stats: Probability Rules". पीपुल डॉट रीचलैण्ड डॉट इडीयू. मूल से 17 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-10-06.