सांवरिया
सांवरिया 2007 की हिन्दी भाषा की रूमानी फिल्म है। यह संजय लीला भंसाली द्वारा निर्मित और निर्देशित है। इसको फ़्योदोर दोस्तोयेव्स्की की 1848 की लघु कहानी श्वेत रातें पर आधारित करके बनाया गया है। इस फिल्म से रणबीर कपूर और सोनम कपूर ने पर्दापण किया था।
सांवरिया | |
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निर्देशक | संजय लीला भंसाली |
लेखक |
प्रकाश कपाड़िया विभा शर्मा |
आधारित |
फ़्योदोर दोस्तोयेव्स्की की श्वेत रातें |
निर्माता | संजय लीला भंसाली |
अभिनेता |
रणबीर कपूर सोनम कपूर रानी मुखर्जी सलमान ख़ान ज़ोहरा सहगल |
छायाकार | रवि चन्द्रन |
संपादक | बेला सहगल |
संगीतकार | मोंटी शर्मा |
प्रदर्शन तिथि |
9 नवम्बर 2007 |
लम्बाई |
138 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
यह 9 नवंबर 2007 को जारी हुई और एक व्यावसायिक विफलता साबित हुई। इसकी कहानी, पटकथा और गति को तीखी आलोचना मिली।[1] 53वें फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार में, सांवरिया को 6 नामांकन प्राप्त हुए। यह ज़ोहरा सहगल और बेगम पारा की मृत्यु से पहले की आखिरी फिल्म रही।
संक्षेप
संपादित करेंयह कहानी गुलाबजी (रानी मुखर्जी) नामक एक वेश्या द्वारा सुनाई गई है। वह शहर के सबसे आलीशान क्लब आरके बार में अक्सर जाती थी। बार का मुख्य गायक राज (रणबीर कपूर) है, जिसे वह प्यार से "सांवरिया" कहती है। वह स्वतंत्र विचारों वाला और दयालु व्यक्ति है। यह जानने के बावजूद कि गुलाब क्या करती है, राज उसके प्रति मित्रतापूर्ण ही है। जब वह गुलाब से कहता है कि उसे एक नौकरी और रहने के लिए जगह चाहिए, तो वह उससे कहती है कि केवल एक महिला ही है जो उसे रहने के लिए जगह देगी। लेकिन वह केवल उन्हीं को अनुमति देती है जिन्हें वह पसंद करती है। राज लिलियन (ज़ोहरा सहगल) से मिलता है और उनके बीच एक भावनात्मक बातचीत होती है, जिसके दौरान लिलियन बताती है कि उसका एक बेटा था जो सेना में शामिल होने के लिए कई साल पहले उसे छोड़ गया था और फिर कभी वापस नहीं लौटा। वह राज को अपने साथ रहने देती है क्योंकि वह उसे उसके लंबे समय से खोए हुए बेटे की याद दिलाता है। उस रात राज की मुलाकात एक रहस्यमयी लड़की से होती है। वह उससे बात करने की कोशिश करता है, लेकिन गलत धारणा के कारण वह उसे दूर जाने के लिए चिल्लाती है। फिर एक शराबी उसका पीछा करना शुरू कर देता है और राज उसे उससे बचाता है। उसके बाद, वह उसे अपने घर ले जाने की अनुमति देती है। राज को पता चलता है कि उसका नाम सकीना (सोनम कपूर) है और उसे उससे प्यार हो जाता है।
राज सकीना के सामने अपनी भावनाओं को कबूल करने का फैसला करता है। वह उससे मिलने के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे देता है और उसे फोन करता है लेकिन वह उसे नजरअंदाज कर देती है। वह उससे नाराज़ हो जाता है लेकिन बाद में वह दोनों सुलह कर लेते हैं। वह उसे घंटाघर के शीर्ष पर अपनी पसंदीदा जगह पर ले जाता है। वहां सकीना बताती है कि वह ईमान नाम के एक शख्स से प्यार करती है। ईमान चला गया है लेकिन ईद पर सकीना के लिए वापस आने का वादा करके गया है। काफी समय हो गया है लेकिन वह अभी भी वफ़ादारी से उसका इंतजार कर रही है। यह सुनकर राज का दिल टूट जाता है। हालाँकि, पूरे मोहल्ले द्वारा उसका मनोबल बढ़ाये जाने के बाद वह ईद की रात सकीना को अपनी दिल की बात बताने का फैसला करता है। वह सकीना को आरके बार में ले जाता है और उसके लिए अपना पसंदीदा गाना गाता है: "सांवरिया"। सकीना को याद आता है कि ईमान से मिलने का समय हो गया है और वह चली जाती है। उसका पीछा करते हुए, राज उससे कहता है कि उसे पता चला है कि कोई ईमान नहीं है। सकीना उससे कहती है कि उसे जाने दे। आहत होकर राज गुलाब के पास जाता है और कहता है कि वह उसके साथ सोना चाहता है। गुलाब, जो राज से प्यार करती है, बहुत आहत होती है।वह वहाँ लौट आता है जहाँ सकीना प्रतीक्षा कर रही होती है।
ईमान अभी भी नहीं आया है। सकीना का दिल टूट जाता है। उसे यकीन हो गया कि ईमान वापस नहीं आएगा इसलिए वह राज के साथ रहने का फैसला करती है। राज सकीना को खुश करने की कोशिश करता है और सफल भी होता है। जब वे घर लौट रहे होते हैं, तो वे उस पुल से गुजरते हैं जहां वे पहली बार मिले थे और ईमान (सलमान ख़ान) को सकीना का इंतजार करते हुए देखते हैं। सकीना राज की ओर बढ़ते हुए झिझकती है। हालाँकि राज उसे खुशी के साथ जाने के लिए कहता है और सकीना ईमान के साथ फिर से मिल जाती है। ईमान उससे पूछता है कि क्या वह उसके साथ एक दुखद जीवन स्वीकार करने को तैयार है, जिस पर वह हाँ कहती है और वे दोनों एक साथ चले जाते हैं। फिल्म श्री 420 (1955) के राज कपूर की शैली में सकीना के साथ बिताए मधुर क्षणों को याद करते हुए राज के चले जाने के साथ समाप्त होती है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- रणबीर कपूर — रणबीर राज मल्होत्रा
- सोनम कपूर — सकीना ख़ान
- रानी मुखर्जी — गुलाबजी
- सलमान ख़ान — ईमान पीरज़ादा
- ज़ोहरा सहगल — लिलियन
- बेगम पारा — बड़ी अम्मी
- विभा छिब्बर — नसीबन
संगीत
संपादित करेंसभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत मोंटी शर्मा द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "सांवरिया" | शैल हाड़ा | 2:45 |
2. | "जब से तेरे नैना" | शान | 4:44 |
3. | "माशा-अल्लाह" | कुणाल गांजावाला, श्रेया घोषाल | 5:28 |
4. | "थोड़े बदमाश" | श्रेया घोषाल | 3:19 |
5. | "यूँ शबनमी" | पार्थिव गोहिल | 5:15 |
6. | "दरस बिना नाहीं चैन" | ऋचा शर्मा, शैल हाड़ा, पार्थिव गोहिल | 4:05 |
7. | "संवर गई" | श्रेया घोषाल | 3:42 |
8. | "जान-ए-जां" | कुणाल गांजावाला, श्रेया घोषाल | 5:59 |
9. | "परी" | कुणाल गांजावाला | 5:19 |
10. | "छबीला" | अलका यागनिक | 5:23 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंवर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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2008 | रानी मुखर्जी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | नामित |
रणबीर कपूर | फ़िल्मफ़ेयर पुरुष प्रथम अभिनय पुरस्कार | जीत | |
सोनम कपूर | फ़िल्मफ़ेयर महिला प्रथम अभिनय पुरस्कार | नामित | |
मोंटी शर्मा | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार | नामित | |
समीर ("जब से तेरे नैना") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
शान ("जब से तेरे नैना") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | जीत |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Hungama, Bollywood (11 सितम्बर 2007). "Saawariya Review" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 19 मार्च 2024.