सातारा रियासत 1818 में तीसरे एंग्लो-मराठा युद्ध के बाद अंग्रेजों द्वारा बनाई गई एक अल्पकालिक रियासत थी। इसपर उन्होंने 1849 में व्यपगत के सिद्धान्त (doctrine of lapse) का प्रयोग करते हुए क़ब्ज़ा कर लिया था।

1832 में सातारा, कोल्हापुर और सावंतवाड़ी रियासतें

इस राज्य पर मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी के वंशजों का शासन था। इसके प्रथम राजा प्रताप सिंह थे जिन्हें अंग्रेजों ने 1818 में पेशवा बाजीराव द्वितीय को हराने के बाद छोड़ दिया था। प्रताप सिंह को 1838 में राजगद्दी से हटा दिया गया, जिसके बाद गद्दी उनके भाई शाहजी ने सम्भाली। लेकिन 1848 में एक प्राकृतिक उत्तराधिकारी के बिना उनकी मृत्यु हो गई। अंततः, ईस्ट इंडिया कंपनी सरकार ने शाहजी के दत्तक पुत्र को अपना उत्तराधिकारी मानने से इनकार कर दिया और इस क्षेत्र को बढ़ते हुए प्रभुत्व में समाहित कर लिया। [1] [2]

  1. Kulkarni, Sumitra (1995). The Satara raj, 1818-1848 : a study in history, administration, and culture (1st ed.). New Delhi: Mittal Publications. pp. 2–3. ISBN 9788170995814. 18 दिसंबर 2011 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 7 फ़रवरी 2020.
  2. Ramusack, Barbara N. (2007). The Indian princes and their states (Digitally print. version. ed.). Cambridge: Cambridge Univ. Press. pp. 81–82. ISBN 978-0521039895. 5 जनवरी 2016 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 13 October 2016.