प्रोफेसर सालिग्राम भार्गव (12 दिसम्बर 1888 - 16 सितम्बर 1953) इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं हिन्दीसेवी थे। आपने डॉ गंगानाथ झा , रामदास गौड़ तथा प्रो. हमीदुद्दीन के साथ मिलकर 10 मार्च 1913 को विज्ञान परिषद प्रयाग की स्थापना की।

सालिग्राम भार्गव का जन्म 12 दिसम्बर 1888 को गुड़गांव जिले के खोरी नामक स्थान पर हुआ था। 12 वर्ष की अल्पायु में ही आपके पिता मुंशी लच्छी राम जी भार्गव का देहावसान हो गया। आपने सन् 1905 में अलवर हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। 1909 में आगरा कॉलेज़ से बी0 एस0 सी0 तथा 1912 में म्योर सेंट्रल कॉलेज़ इलाहाबाद से भौतिक विज्ञान में एम0 एस0 सी0 की उपाधि प्राप्त करने के बाद आप म्योर सेंट्रल कॉलेज़ में डिमांस्ट्रेटर पद पर नियुक्त हुए। 1919 में भौतिक विज्ञान के सहायक अध्यापक नियुक्त हुए और तत्कालीन संयुक्त प्रान्त की प्रान्तीय एजुकेशनल सर्विस में भी रहे। प्रयाग विश्वविद्यालय का पुनर्संगठन होने पर आप भौतिक विज्ञान विभाग में रीडर बने तथा 1946 से 1949 तक विभागाध्यक्ष भी रहे। 1 मई 1949 को आपने अवकाश ग्रहण किया।

आप अभी 24 वर्ष के ही थे जब आपने डॉ0 गंगानाथ झा , श्री रामदास गौड़ तथा प्रो0 हमीदुद्दीन के साथ मिलकर 10 मार्च 1913 को विज्ञान परिषद प्रयाग की स्थापना की। आपने आजीवन हिन्दी भाषा में विज्ञान के प्रचार-प्रसार एवं लेखन में अपना योगदान दिया। आपने 'विज्ञान प्रवेशिका', 'चुम्बक' आदि पुस्तकों की रचना की। अप्रैल 1915 में आपने हिन्दी की सर्वप्रथम मासिक वैज्ञानिक पत्रिका 'विज्ञान' का प्रकाशन आरम्भ करवाया। जन साधारण में विज्ञान के प्रचार के लिए आपने अनेक अवसरों पर सुप्रसिद्ध वैज्ञानिकों के द्वारा वैज्ञानिक विषयों पर भाषण आयोजित करवाए तथा स्वयं भी व्याख्यान दिए। विज्ञान परिषद प्रयाग के मंत्री, प्रधानमंत्री तथा उपसभापति के रूप में आप आजीवन इससे जुड़े रहे। 16 सितम्बर 1953 को आपका स्वर्गवास हो गया।

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