सिक्किमी भाषा
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |
सिक्किमी भाषा, दक्षिणी तिब्बती भाषाओं में से एक है। इसे सिक्किमी तिब्बती, भूटिआ , ड्रान्जोके आदि नामों से भी जाना जाता है। सिक्किम तथा पूर्वोत्तर नेपाल में इसे भूटिया लोग बोलते हैं। सिक्किम के लोग अपनी भाषा को 'ड्रेनजिङ्के' तथा अपनी जन्मभूमि को 'ड्रेन्दजोंग' कहते हैं।
सिक्किमी | ||
---|---|---|
भूटिया | ||
बोली जाती है | — | |
क्षेत्र | — | |
कुल बोलने वाले | — | |
भाषा परिवार | चीनी-तिब्बती
| |
भाषा कूट | ||
ISO 639-1 | None | |
ISO 639-2 | – | |
ISO 639-3 | – | |
सूचना: इस पन्ने पर यूनीकोड में अ॰ध॰व॰ (आई पी ए) चिह्न हो सकते हैं। |
सिक्किमी भाषा को संभोट लिपि और 'झांग येशे दे' (Zhang Yeshe De) लिपि में लिखा जाता है। 'झांग येशे दे' पुरानी तिब्बती (Classical Tibetan) से विरासत में मिली है। किन्तु सिक्किमी भाषा का स्वनिमविज्ञान (phonology) और शब्दावली पुरानी तिब्बती से बहुत भिन्न है। इसलिये SIL इन्टरनेशनल भूटिया की लेखन-पद्धति को 'बोधि शैली' कहता है। SIL के अनुसार, वर्ष २००१ में 68 प्रतिशत भूटिया तिब्बती लिपि में साक्षर थे।[1]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Lewis, M. Paul, ed. (2009). "Bhutia". Ethnologue: Languages of the World (16 ed.). Dallas, Texas: SIL International. Retrieved 16 April 2011.