सीआईडी (1956 फ़िल्म)

1956 की राज खोसला की फ़िल्म

सीआईडी 1956 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह राज खोसला द्वारा निर्देशित और गुरु दत्त द्वारा निर्मित है। इसमें देव आनन्द, शकीला, जॉनी वॉकर, के एन सिंह और वहीदा रहमान हैं। फिल्म में देव आनन्द एक पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका निभाते हैं जो एक हत्या के मामले की जांच कर रहा है। संगीत ओ॰ पी॰ नय्यर ने दिया था और बोल मजरुह सुल्तानपुरी और जाँ निसार अख़्तर ने दिए थे। यह वहीदा रहमान की पहली फ़िल्म है।[1]

सीआईडी

सीआईडी का पोस्टर
निर्देशक राज खोसला
लेखक इन्दर राज आनन्द
निर्माता गुरु दत्त
अभिनेता देव आनन्द,
शकीला,
जॉनी वॉकर,
के एन सिंह,
वहीदा रहमान
संगीतकार ओ॰ पी॰ नय्यर
प्रदर्शन तिथि
1956
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

एक अखबार के संपादक श्रीवास्तव की उस समय हत्या कर दी जाती है, जब वह एक बहुत अमीर और प्रभावशाली व्यक्ति के अंडरवर्ल्ड संबंधों का पर्दाफाश करने वाला था। सी.आई.डी. इंस्पेक्टर शेखर को इस मामले को सौंपा जाता है। इस जांच से उसे धरमदास और उसके आदमियों पर शक होता है।

लेकिन धरमदास झूठ और छल का जाल बुनता है और शेखर खुद एक संदिग्ध बन जाता है। उसे पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाता है और वह अपनी नौकरी खो देता है। इससे धरमदास और उसके लोग अपनी काली करतूतें करते जाते हैं।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी गीत मजरुह सुल्तानपुरी एवं जाँ निसार अख़्तर द्वारा लिखित; सारा संगीत ओ॰ पी॰ नय्यर द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना"शमशाद बेगम4:31
2."ये है बॉम्बे मेरी जान"मोहम्मद रफी, गीता दत्त4:08
3."आँखों ही आँखों में इशारा हो गया"मोहम्मद रफी, गीता दत्त3:57
4."बूझ मेरा क्या नाम रे"शमशाद बेगम4:30
5."लेके पहला पहला प्यार"शमशाद बेगम, मोहम्मद रफी, आशा भोंसले6:45
6."जाता कहाँ है दीवाने"गीता दत्त3:14

नामांकन और पुरस्कार संपादित करें

वर्ष नामित कार्य पुरस्कार परिणाम
1957 ओ॰ पी॰ नय्यर फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार नामित
जॉनी वॉकर फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार नामित

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "शायद उन्हें मेरा चेहरा पसंद नहीं था- वहीदा रहमान 'गाइड' के लिए कर दी गई थीं रिजेक्ट". जनसत्ता. 1 अक्टूबर 2021. अभिगमन तिथि 25 अक्टूबर 2021.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें