सुहाग (1994 फ़िल्म)

1994 की कुक्कू कोहली की फ़िल्म

सुहाग 1994 की भारतीय हिन्दी एक्शन थ्रिलर नाटक फिल्म। इसको कुकू कोहली ने निर्देशित किया और मुख्य कलाकार अजय देवगन, अक्षय कुमार, करिश्मा कपूर और नगमा हैं। सुहाग 1994 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्मों में से एक थीं।

सुहाग

सुहाग का पोस्टर
निर्देशक कुकू कोहली
लेखक हनी ईरानी
तनवीर ख़ान (संवाद)
निर्माता बलराज ईरानी
अभिनेता अजय देवगन,
अक्षय कुमार,
करिश्मा कपूर,
नगमा
संगीतकार आनंद-मिलिंद
प्रदर्शन तिथियाँ
4 नवंबर, 1994
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

कहानी अजय (अजय देवगन) और राज (अक्षय कुमार) के बारे में है जो एक ही कॉलेज में पढ़ रहे सबसे अच्छे दोस्त हैं। मधु (नगमा) और पूजा (करिश्मा कपूर) उनकी संबंधित गर्लफ्रेंड्स हैं। राज एक अमीर परिवार से है। वह अपने चाचा के साथ रहता है क्योंकि उसके पिता (दलीप ताहिल) दूसरे शहर में रहते हैं। अजय शर्मा अपनी विधवा मां आशा (अरुणा ईरानी) के साथ बॉम्बे में रहता है। राज अजय की मां को अपनी मां के रूप में मानता है और वे भाई की भाँति रिश्ते में रहते हैं। कॉलेज से स्नातक होने के बाद, राज के मामा ने अजय से अपना जन्म प्रमाण पत्र लाने के लिए कहा ताकि वह अपना पासपोर्ट बना सके और कनाडा में अपने लिए काम ढूंढ सके। अजय अपना जन्म प्रमाण पत्र की तलाश में घर जाता है। उसे पता लगता है कि उसका असली नाम अजय मल्होत्रा है और उसके पिता डॉ रवि मल्होत्रा (रोमेश शर्मा) अभी भी जिंदा हैं।

उन्हें मरीज के अंगों को चुरा लेने के लिए जेल में जीवन भर की सजा दी गई है। अजय को पता लगता है कि उसके पिता को अस्पताल के मालिक राय बहादुर (सुरेश ओबेरॉय) द्वारा फँसाया गया था। सच्चाई की खोज करने पर, राज और अजय राय बहादुर से लड़ने और अपने पिता को छुड़ाने के लिए जाते हैं। उनकी जाँच के दौरान यह पता चला कि राज के पिता जिनका नाम डॉ सिन्हा (दलीप ताहिल) है, राय बहादुर के अस्पताल का एक प्रमुख सदस्य भी है और अजय के पिता को फँसाने में शामिल था। इससे पहले कि वह अदालत जा सके, राय बाहदुर ने राज के पिता की हत्या कर दी। तब राज और अजय मुकदमे की तारीख पर अदालत में डॉ. सिन्हा की लाश लाए। वे एक भ्रम पैदा करते हैं कि डॉ सिन्हा अभी भी जीवित हैं और इसके द्वारा उन्होंने राय बहादुर पर उँगली से इशारा किया। गुस्से में राय बहादुर उसे अदालत में गोली मारने की कोशिश करता है। तब अजय और राज ने उसे इमारत से फेंक दिया जिसमें वह मर गया।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत आनंद-मिलिंद द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."गोरे गोरे मुखड़े पे"उदित नारायण, अलका याज्ञिक5:11
2."तेरे लिये जानम"एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम, के एस चित्रा5:35
3."कागज कलम"उदित नारायण, अलका याज्ञिक6:45
4."ये नखरा लड़की का"कुमार सानु, उदित नारायण, अलका याज्ञिक6:00
5."ता ना ना ता ना ना"उदित नारायण, साधना सरगम5:26
6."मैं देखूँ तुम्हें"उदित नारायण, अलका याज्ञिक5:28
7."प्यार प्यार प्यार"उदित नारायण, बेला सुलाखे5:06

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें