सूरतगढ़
सूरतगढ़ (Suratgarh) थर्मल पावर प्लांटश्री गंगानगर के राजस्थान राज्य के श्रीगंगानगर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह बीकानेर से 170 किमी उत्तर-उत्तरपूर्व में बसा हुआ है।[1][2][3] सूरतगढ़ सामरिक दृष्टि से देश का महत्वपूर्ण केंद्र है जहाँ थल सेना, वायु सेना और CRPF के महत्वपूर्ण कार्यालय है।
सूरतगढ़ Suratgarh | |
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सूरतगढ़ ताप विद्युत संयंत्र | |
निर्देशांक: 29°19′05″N 73°53′56″E / 29.318°N 73.899°Eनिर्देशांक: 29°19′05″N 73°53′56″E / 29.318°N 73.899°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | राजस्थान |
ज़िला | श्रीगंगानगर ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 70,536 |
भाषा | |
• प्रचलित भाषाएँ | राजस्थानी, पंजाबी, हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 335804 |
दूरभाष कोड | 01509 |
वाहन पंजीकरण | RJ-13 |
2021 के देशव्यापी किसान आंदोलन में सूरतगढ़ का नेतृत्व GKS और किसान जागृति मंच ने किया था।
सूरतगढ को वर्तमान में शिक्षा नगरी भी कहा जा सकता है, क्योंकि वर्तमान में इस शहर में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए सबसे उपयोगी स्थान माना गया हैं। यहां स्थिति सबसे बड़ा कोचिंग संस्थान भाटिया आश्रम , सूरतगढ़ प्रतियोगिता परीक्षा के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। इस संस्थान से 250 से ज़्यादा RAS, और 2500 से अधिक विद्यार्थी विभिन्न सरकारी सेवाओं में चयनित हो चुके है।
विवरण
संपादित करेंसूरतगढ़ का प्राचिन नाम सोढल गढ़ था। जो सरस्वत्ती नदी के किनारे बसा हूआ है। यह एशिया का सबसे बडा कृषि र्फाम[4] है। यहाँ देवीदासपुर और लधेर के बीच में गुसाँई जी महाराज का विशाल मेला लगता है। माह महीने की द्वितीय (दुज) को।
सूरतगढ़ का नाम महाराजा सूरत सिंह पर रखा गया था, जिन्होंने सन् 1705 में यहाँ एक नया क़िला बनवाया। पूरा किला ईंटों का बना है, जिसमें कुछ महत्व की वस्तुएँ अब बीकानेर के किले में सुरक्षित है। इनमें हड़जोरा की पत्तियाँ, गरुड़, हाथी, राक्षस आदि की आकृतियाँ बनी है। इसी स्थान से शिव पार्वती, कृष्ण की गोवर्धन लीला तथा एक पुरुष एंव स्री की पकी हुई मिट्टी की बनी हुई मूर्तियां मिली हैं जो अब बीकानेर संग्रहालय में है।
सूरतगढ़ क़स्बा एक और रेगिस्तान से घिरा तथा दूसरी और घग्घर नदी से सिंचित अत्यंत उपजाऊ जमीन से सराबोर है। जहां एक और राजस्थान का पहला ताप विद्युत संयत्र है वहीं दूसरी और इंदिरा गांधी नहर से सिंचित उपजाऊ क्षेत्र है। लहलहाती फसल इस कसबे के चारों और हरित आभा बिखेरती है।
सूरतगढ़ में स्थिति श्री हनुमान जी ख़ेजडी मंदिर अदभुत चमत्कारी मंदिर, एवं दर्शनीय स्थल हैं , यहां शुक्ल पूर्णिमा और मंगलवार के दिन भारी संख्या श्रद्धालु एवं भगत आते हैं यहां मंदिर के पास स्थिति रेतीले धोरे अत्यधिक सुन्दर एवं दर्शनीय स्थल हैं, यहां से दर्शक पूरे सूरतगढ़ के व्यू देखते है।
- विभिन्न प्रसिद्ध स्थल =
- बाबा रामदेव जी महाराज का प्राचीन जाल वृक्ष वाला मंदिर।
- वीर तेजा जी जाट छात्रावास
- श्री गुरू जम्भेश्वर मंदिर(बिश्नोई मंदिर)
- मृदा जांच केंद्र , सूरतगढ़
- मोखम जी के समोसे व कचौरी।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332
- ↑ "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990
- ↑ Meena, R. P. Art Culture and Heritage of Rajasthan Study Material With MCQ: Useful for RPSC RAS Prelims and Other Exams (अंग्रेज़ी में). New Era Publication.
- ↑ Singh, Rama Shankar (1989). Indo-Soviet Cooperation and India's Economic Development (अंग्रेज़ी में). Deep & Deep Publ. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7100-134-7.