सूर्यास्त, रव्यस्त या भान्वस्त पृथ्वी के घूर्णन के कारण क्षितिज के नीचे सूर्य का दैनिक अदृश्य होना है। जैसा कि पृथ्वी पर हर स्थान से देखा गया है (उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के अतिरिक्त), विषुव सूर्य वसन्त और शरदृतु दोनों विषुवों के समय पश्चिम की ओर अस्त होता है। जैसा कि उत्तरी गोलार्ध से देखा जाता है, सूर्य वसन्त और ग्रीष्म ऋतु में उत्तर पश्चिम में और शरदृतु और सर्दियों में दक्षिण पश्चिम में अस्त होता है; ये ऋतुएँ दक्षिणी गोलार्ध के लिए उल्टे होते हैं।

मुम्बई में अरब सागर पर सूर्यास्त

सूर्यास्त के समय को खगोल शास्त्र में उस क्षण के रूप में परिभाषित किया गया है जब सूर्य का ऊपरी अंग क्षितिज के नीचे अदृश्य हो जाता है।[1] क्षितिज के निकट, वायुमण्डलीय अपवर्तन सूर्य के प्रकाश की किरणों को इस सीमा तक विकृत करने का कारण बनता है कि जब सूर्यास्त देखा जाता है तो ज्यामितीय रूप से सौर चक्रिका पहले से ही क्षितिज से लगभग एक व्यास नीचे होती है।

  1. Ridpath, Ian (2012-01-01), "sunset", A Dictionary of Astronomy (अंग्रेज़ी में), Oxford University Press, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-960905-5, डीओआइ:10.1093/acref/9780199609055.001.0001/acref-9780199609055-e-3625, अभिगमन तिथि 2023-02-14