सेंट मैरीस फोरॉना चर्च एटूर
सेंट मैरीस फोरॉना चर्च एटूर(St. Mary's Forane Church Edoor) उत्तरी मालाबार के एक प्रसिद्ध मैरिएन तीर्थ-स्थल और सबसे पुराने चर्चोँ में से एक है। यह कण्णूर जिले के पूर्वी शहर इरिट्टी में स्थित है। यह तालाश्शेरी Archdiocese के सेंट मैरी के नाम पर स्थापित हुआ पहला चर्च है। यह इरिट्टी का मुख्य शहर से लगभग 6.5 किलोमीटर दूरी में स्थित है।
सेंट मैरीस फोरॉना चर्च एटूर | |
सेंट मैरीस फोरॉना चर्च एटूर | |
11°59′53″N 75°43′34″E / 11.998038°N 75.726163°Eनिर्देशांक: 11°59′53″N 75°43′34″E / 11.998038°N 75.726163°E | |
स्थान | इरिट्टी, केरल |
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देश | भारत |
संप्रदाय | सीरो मालाबार कैथलिक |
वेबसाइट | edoorstmarysshrine |
प्रशासन | |
Parish | एटूर |
Archdiocese | तालाश्शेरी |
धर्मप्रदेश | तालाश्शेरी |
पादरी | |
Vicar(s) | फा॰ ऐन्टणि मुतुकुन्नेल |
बुनियादी जानकारी
संपादित करेंएटूर आसपास के क्षेत्रों के किसान समुदायों केलिए एक छोटा-सा बाज़ार है। यहाँ कण्णूर जिले के किसी भी हिस्से और केरल के अन्य भागों से सड़क मार्ग अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।[1] वास्तव में उस इलाके के आध्यात्मिक जीवन और सामाजिक विकास में इस चर्च का काफी प्रभाव है।
इतिहास
संपादित करेंइतिहास इस पल्ली 1946 में स्थापित हुआ था। अपने प्रारंभिक दिनों में यह लैटिन कैथोलिक के कोष़िक्कोड Diocese के अधीन में था। उसके बाद यह सीरो-मालाबार कैथोलिक (Syro-Malabar Catholic) थालास्सेरी diocese के अधीन में आया। उन दिनों में पल्ली के सदस्य थे ईसाई लोग जो त्रावणकोर से यहाँ चले आए। 1970 में सबसे सुंदर नया चर्च बनाया गया था। यह अब भी केरल के सबसे खूबसूरत चर्चोँ में से एक है। इस चर्च के स्थापत्य सौंदर्य पर्यटकों को यहाँ आने केलिए आकर्षित करती है।
स्थापत्य विशेषताओं
संपादित करेंयह चर्च गोल आकार में है और केंद्र में एक Dome है। इसका गोल-आकार के कारण अंदर बहुत विस्तृत है। इसका वेदी (altar) 2012 में पुनर्निर्मित किया गया था जो हमारे मन में एक स्वर्गीय अनुभूति पैदा करता है।
अन्य विशेषताओं
संपादित करेंयहाँ के मुख्य आकर्षण है माँ मैरी की उपस्थिति। यहाँ मदर मैरी की एक खूबसूरत प्रतिमा है जो कहीं और देख नहीं सकता। लोग उसे एटूरम्मा कहते हैं जिसका अर्थ है एटूर की माँ।
- इस चर्च की एक और विशेषता है क्रूस पर चढ़ाया यीशु की लकड़ी की मूर्ति। अन्य प्रतिभाओं से विभिन्न होकर यहाँ चार कीलों से क्रूस पर चढ़ाया गया यीशु को देख सकता है।
- Syro malabar के अधिकांश चर्चोँ से मदबहा (Altar) और हैक्कला (जगह जहाँ चर्च में लोग खड़े है) के बीच में पर्दा नहीं है।
- सेंट मैरी की 'फीस्ट' हमेशा जनवरी के पहले सप्ताह में आयोजित किया जाता है। अन्य धर्मों के लोग के सहित जिले के विभिन्न हिस्सों से लोग इस त्योहार मनाने को यहाँ आते हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "एटूर सेंट मैरीस फोरॉना चर्च के वेबसाईट". मूल से 29 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2014.