सोचा ना था
सोचा ना था भारतीय हिन्दी भाषा की एक रोमानी फिल्म है, जो 4 मार्च 2005 को रिलीज हुई थी। यह अभय देओल की पहली फिल्म जिसमें आयशा टाकिया और अपूर्वा झा ने भी अभिनय किया था। यह इम्तियाज अली की पहली निर्देशकीय फिल्म भी थी। अभय देओल के चाचा धर्मेन्द्र ने इसके निर्माता थे।
सोचा ना था | |
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निर्देशक | इम्तियाज अली |
लेखक | इम्तियाज अली |
निर्माता | धर्मेन्द्र |
अभिनेता |
अभय देओल आयशा टाकिया |
छायाकार | रवि यादव |
संपादक |
इम्तियाज अली शिरीष कुंदर |
संगीतकार | संदेश शांडिल्य |
वितरक | विजेता फिल्म्स |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
157 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
कथानक
संपादित करेंविरेन (अभय देयोल) और अदिति (आयशा टाकिया) को उनके परिवार मिलाते हैं लेकिन विरेन मना कर देता है क्योंकि उसे अपनी तीन वर्षों से चली आ रही गर्लफ्रेंड केरन (अप्रूवा झा) के साथ विवाह करना चाहता है। विरेन के मना करने के कारण दोनों परिवारों में झगड़ा हो जाता है क्योंकि अदिति की चाची इससे बुरा मान जाती है। हालांकि अदिति और विरेन संयोगवश मिले थे लेकिन वो गोवा जाते हुये अदिति को अपने साथ लेकर जाना चाहता है क्योंकि वो अदिति से यह जानना चाहता है कि उसकी गर्लफ्रेंड केरन उसके साथ विवाह करना चाहती है या नहीं।
गोवा में दोनों एक दूसरे के निकट आते हैं और इसको प्रेक्षित करती है। विरेन को ज्ञात होता है कि उसे अदिति से प्यार हो गया है – हालांकि उसकी स्वयं की केरन के साथ विवाह की तैयारियाँ चल रही थी, स्थितियाँ और भी जटिल हो जाती हैं क्योंकि विरेन इसके लिए बहुत कोशिश कर रहा था कि वो हिन्दू और केरन ईसाई है। इसके बावजूद वो अदिति के साथ भी विवाह करना चाहता है क्योंकि वो भी उसके साथ प्यार करने लगती है। अदिति उसके लिए मना कर देती है क्योंकि वो अपनी चाची को खुश देखना चाहती है और उसके चाचा उसकी सगाई उसके चालू-बन्द प्रेमी महेश के साथ कर देते हैं। काफी बातचीत के बाद, विरेन अदिति को भूल जाता है और केरन को सच बता देता है और अपना दुखी जीवन अलग तरह से आरम्भ कर देता है।
अदिति की सगाई के दिन केरन उससे मिलती है और उसको पूछती है कि वो विरेन के साथ विवाह क्यों नहीं कर रही जबकि अभी केरन और विरेन अलग हो गये हैं। केरन उसको यह भी बता देती है कि विरेन अभी दुखी है। उसका ममेरी बहन इस बात को सुन लेती है और अदिति को उसके साथ भाग जाने के लिए मना लेता है। अदिति भाग जाती है। इसके बाद दोनों अपने परिवारों से माफी माँग लेते हैं और स्वीकार कर लिये जाते हैं।
कलाकार
संपादित करें- अभय देयोल – विरेन ओबेरॉय
- आयशा टाकिया – अदिति साहनी
- अप्रूवा झा – केरन फर्नाडिस
- सोहराब अर्देशिर – केरन के पिता
- नीति मोहन – अज्ञात
- सलिम शाह – दामोदर मल्होत्रा, अदिति के चाचा
- रति अग्निहोत्री – अदिति की मामी
- संध्या मृदुल – सोनल, अदिति की ममेरी बहन
- राजेन्द्रनाथ ज़ुत्शी – गोपाल, अदिति के ममेरा भाई
- कमलेश गिल – अदिति की नानी
- सुरेश ओबेरॉय – मिस्टर निर्मल ओबेरॉय, विरेन के पिता
- लुशिन दुबे – विरेन की माँ
- मनिष चौधरी – नरेन, विरेन का भाई
- आयशा जुल्का – नमिता, विरेन के जीजा
- विजय मौर्य – शिवा, विरेन का दोस्त
अन्य कर्मी
संपादित करें- निर्देशल: इम्तियाज़ अली
- पटकथा: इम्तियाज़ अली
- कहानी: इम्तियाज़ अली
- संवाद: इम्तियाज़ अली
- निर्माता: धर्मेन्द्र, शहनाब आलम
- गीत: इरशाद कामिल, सुब्रत सिन्हा
- चलचित्रण: रवि यादव
- कोरियोग्राफर: एशले लोबो
- संगीत निर्देशक: संदेश शांडिल्य
- कॉस्ट्यूम डिजाइनर: सिम्पल कपाड़िया
संगीत
संपादित करेंगीत फ़िल्म में आये क्रम में दिये गये हैं।[1]
- "ज़िन्दगी" सोनू निगम, सुनिधि चौहान
- "अभी अभी मेरे दिल में" कुणाल गांजावाला, सुनिधि चौहान
- "मैं सीधे साधे ढंग से" केके
- "मेरा तुम्हारा क्या रिश्ता है" संदेश शांडिल्य
- "सोचा ना था" साधना सरगम, संदेश शांडिल्य
- "ना सही" संदेश शांडिल्य
- "ओ यारा रब रुस जाने दे" सोनू निगम, संजीवनी
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Archived copy". Archived from the original on 11 सितम्बर 2013. Retrieved 2013-09-11.
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