सौर अनुसारक (solar tracker Archived 2020-01-27 at the वेबैक मशीन) उस युक्ति को कहते हैं जो किसी वस्तु को घुमाकर उसे सदा सूर्य की तरफ बनाये रखता है। इस क्रिया को 'सौर अनुसरण' (सोलर ट्रैकिंग) कहते हैं। सौर अनुसारकों का उपयोग सौर पैनल, फ्रेसनेल परावर्तक, दर्पण, तथा लेंसों आदि को सूर्य की तरफ बनाये रखने के लिये किया जाता है। समतल पैनल वाले प्रकाश-वोल्टीय प्रणालियों को सूर्य की ओर अभिमुख रखने से अधिकतम सौर ऊर्जा की प्राप्ति होती है जिससे अधिकतम विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने में सहायता मिलती है।

3-मेगावाट सौर-ऊर्जा प्रणाली में प्रयुक्त द्वि-अक्षीय सौर अनुसारक

सौर अनुसारक दो तरीके से बनाये जा सकते हैं:

सोलर ट्रैकर बनाने के लिए घटकों की सूची

  1. LDR (लाइट डिपेंडेंट प्रतिरोध): सबसे सरल ऑप्टिकल सेंसर एक फोटॉन प्रतिरोध या फोटो-सेल है जो एक प्रकाश-संवेदनशील प्रतिरोध है। LDR का प्रतिरोध (प्रतिरोध) प्रकाश की तीव्रता (तीव्रता) में वृद्धि के साथ घटता है।
  2. Op-amp (IC-741): जब कोई भी op-amp का उपयोग बिना किसी प्रतिक्रिया सर्किट के विभेदक मोड में किया जाता है, तो इसका वोल्टेज बहुत अधिक होता है (लगभग 1000000) यह दो इनपुट (इनवर्टिंग और नॉन-इनवर्टिंग) के अंतर का 200000 गुना आउटपुट परिणाम देता है।
  3. डीसी गियर मोटर: इसमें 25-35 RPM (रोटेशन / मिनट) की गियर-मोटर का उपयोग किया जा सकता है।

प्रोजेक्ट को बनाने के लिए कुछ और भी सहायक उपकरणों की आवश्यकता होगी।

सोल्डरिंग आयरन, 8-पिन आईसी होल्डर, PCB बोर्ड, ब्रेडबोर्ड, मल्टीमीटर, प्रतिरोध बॉक्स, प्रकाश की तीव्रता मापने के लिए लक्स-मीटर

ऊपर दी गयी लिस्ट के अनुसार सभी घटक तैयार करने के बाद आपको नीचे दिए गए चित्र के अनुसार ब्रेड-बोर्ड पर सर्किट डायग्राम बनाना है। इस सर्किट में दो पार्ट हैं; एक जो पहले हरे रंग से हाईलाइट किया है उसे LDR और प्रतिरोध के द्वारा बनाना है। इसके बाद दोनों LDRs से मिले आउटपुट को डिफरेंशियल मोड में लगे op-amp के इनपुट पिन-2, पिन-3 पर जोड़ना है।

Solar Tracker Hindi Archived 2020-01-27 at the वेबैक मशीन

इन्हें भी देखें

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