हरिदेव जोशी
हरिदेव जोशी एक भारतीय राजनेता है और राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके है।[1]
हरिदेव जोशी | |
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11वें,16वें और 18वें मुख्यमंत्री, राजस्थान
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पद बहाल 11 अक्टूबर 1973 – 29 अप्रैल 1977 | |
पूर्वा धिकारी | बरकतुल्लाह खान |
उत्तरा धिकारी | भैरों सिंह शेखावत |
पद बहाल 10 मार्च 1985 – 20 जनवरी 1988 | |
पूर्वा धिकारी | हीरा लाल देवपुरा |
उत्तरा धिकारी | शिवचरण माथुर |
पद बहाल 04 दिसम्बर 1989 – 04 मार्च 1990 | |
पूर्वा धिकारी | शिवचरण माथुर |
उत्तरा धिकारी | भैरों सिंह शेखावत |
जन्म | 17 दिसम्बर 1921 खांदू, बांसवाड़ा, राजस्थान |
मृत्यु | 28 मार्च 1995 (मुंबई) |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
व्यक्तिगत जीवन
संपादित करेंहरिदेव जोशी (17 दिसम्बर 1921 - 1995) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म खांदू नामक गाँव में हुआ जो बांसवाड़ा के पास है। उनका निधन 28 मार्च 1995 को मुंबई में हुआ। वे भारत के राजस्थान राज्य से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता थे।
राजनीतिक जीवन
संपादित करेंभारत की स्वतंत्रता के बाद 1952 में उनका प्रवेश राजनीति में हुआ, तब से वे 10 बार राज्य विधानसभा का चुनाव लड़े और हर बार विजयी रहे। सबसे पहले 1952 में उन्होंने डूंगरपुर से चुनाव जीतने की शुरुआत की, इसके बाद 1957 में घाटोल से और बाक़ी 8 बार बांसवाड़ा से निर्वाचित हुए थे।
वे पहली बार 11 अक्टूबर 1973 से 29 अप्रैल 1977 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे, दूसरी बार 10 मार्च 1985 से 20 जनवरी 1988 तक और अंत में 4 दिसम्बर 1989 से 4 मार्च 1990 तक मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवाएँ दी हैं। वे असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रहे।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ आचार्य, डॉ॰ दीपक (20 अप्रैल 2010 12 सितंबर 2014). "जननायक हरिदेव जोशी". प्रवक्ता डॉट कॉम. मूल से 12 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 सितंबर 2014.
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बाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंइन्होने सम्भागीय वेवस्था को पुनः लागू लागू किया
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