हिंगलाजगढ़ (Hinglajgarh) या हिंगलाज दुर्ग (Hinglaj Fort) भारत के मध्य प्रदेश राज्य की भानपुरा तहसील में नवली के समीप स्थित एक प्राचीन दुर्ग है। यह मंदसौर नगर से 165 किमी दूर और भानपुरा से 26 किमी दूर है। इसमें कई युगों की मूर्तियाँ और अवशेष मिले हैं, जिनमें सबसे पुराने 4थी–5वीं शताब्दी के हैं। यहाँ गुप्त काल से लेकर परमार काल तक की मूर्तियाँ मिली हैं। परमार काल में यह दुर्ग अपने चरम पर था। दुर्ग का नाम हिंगलाज माता पर रखा गया है और दुर्ग परिसर में उनका मंदिर है। माता हिंगलाज का मूल मंदिर बलोचिस्तान में स्थित है, जिसके अनुसरण में यह बनाया गया है। दुर्ग वन से घिरा हुआ है।[1][2][3] । इसी किले में भील राजा गोत्री भील की हत्या हुई थी इसी कारण इस किले में गोत्री भील की पूजा की जाती है । जब हिंगलाजगढ़ पर जीरन के पंवार राजा जेतसिंह का अधिकार था तब उसे हराकर भीलों ने हिंगलाजगढ़ किले पर अधिकार कर लिया , [4]

हिंगलाजगढ़
Hinglajgarh

हिंगलाजगढ़ के सूरजकुंड का दृश्य
हिंगलाजगढ़ is located in भारत
हिंगलाजगढ़
Shown within India
स्थान मंदसौर ज़िला, मध्य प्रदेश, भारत

चित्रदीर्घा संपादित करें

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Rajendra Verma:Mandsaur District Gazetteer, p. 289
  2. Ramlal Kanwal:Prachin Malwa mein Vastukala, p. 185
  3. Usha Agarwal:Mandsaur Zile Ke Puratatvik samarakon ki paryatan ki drishti se sansadhaniyata - Ek Adhyayan, Chirag Prakashan Udaipur, 2007, p. 38
  4. Mandasaura (Daśapura): itihāsa, purātatva, evaṃ saṃskr̥ti. Āyukta, Purātatva, Abhilekhāgāra, evaṃ Saṅgrahālaya. पृ॰ 155.