हिमानी विज्ञान

बर्फ का वैज्ञानिक अध्ययन और बर्फ से जुड़ी प्राकृतिक घटनाएं

हिमानी विज्ञान अथवा हिमनद विज्ञान (अंग्रेजी:Glaciology; फ्रैंक-प्रांतीय शब्द: glace, "बर्फ़"; याँ लातीनी: glacies, "हिम या बर्फ़"; और यूनानी: λόγος, logos, "अध्ययन"; अर्थात "हिम या बर्फ़ का अध्ययन") सामान्य तौर पर बर्फ़ और इससे जुड़ी प्रक्रियाओं का अध्ययन है और विशिष्ट रूप में हिमनदों के अध्ययन से संबंधित विज्ञान है। दूसरे शब्दों में यह पृथ्वी के हिममण्डल का अध्ययन एवं विश्लेषण करता है।

काराकोरम की बाल्तोरो हिमानी का एक चित्र
पृथ्वी का हिममंडल आइपीसीसी की पाँचवीं मूल्यांकन रपट से

अतएव हिमानी विज्ञान को एक ऐसे अंतरविषयी विज्ञान के रूप में परिभाषित किया जाता है जो भूभौतिकी, भूविज्ञान, भौतिक भूगोल, भू-आकृति विज्ञान, जलवायु विज्ञान, मौसम विज्ञान, जलविज्ञान, जीव विज्ञान तथा पारिस्थितिकी को जोड़ते हुए हिमनदों की क्रियाविधि, उनकी आकारिकी, एवं मानव जीवन पर उनके विविध प्रभावों का अध्ययन करता है। पृथ्वी के बाहर चंद्रमा, मंगल, यूरोपा इत्यादि परापार्थिव पिण्डों पर हिम के अध्ययन को एस्ट्रोग्लेशियोलाजी नाम भी दिया गया है।[1]

  1. रिचर्ड एस. विलियम्स, जूनियर (1987). "Annals of Glaciology (PDF) (v.9 संस्करण). अंतरराष्ट्रीय हिमनद संस्था. पृ॰ 255. मूल (PDF) से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जून 2020.