हिमालय पुत्र
हिमालय पुत्र 1997 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह पंकज पाराशर द्वारा निर्देशित रूमानी फिल्म है। इसमें विनोद खन्ना, हेमामालिनी, जॉनी लीवर, सतीश शाह और डैनी डेन्जोंगपा ने अभिनय किया है। इस फिल्म से अक्षय खन्ना तथा अंजला जावेरी का फिल्मों में शुभारम्भ हुआ।[1] यह फिल्म बुरी तरह फ्लॉप रही थी।[2]
हिमालय पुत्र | |
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हिमालय पुत्र का पोस्टर | |
निर्देशक | पंकज पाराशर |
लेखक | कमलेश पांडे (संवाद) |
कहानी | हनी ईरानी |
निर्माता | विनोद खन्ना |
अभिनेता |
विनोद खन्ना, हेमा मालिनी, अक्षय खन्ना, अंजला जावेरी |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
4 अप्रैल, 1997 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंहिमालय पुत्र, सूरज (विनोद खन्ना) और सीमा (हेमामालिनी) की प्रेम कहानी से शुरू होती है। सीमा एक अमीर व्यवसायी की बेटी है और सूरज एक मामूली आय वाला पुलिस इंस्पेक्टर है। इसलिए उन्हें सीमा के पिता की आपत्ति का सामना करना पड़ता है। सीमा के पिता उसके दिल में सूरज के लिए गलतफहमी पैदा करते हैं और वह उसे एक लालची व्यक्ति के रूप में देखने लगती है जिसने पैसे की खातिर अपने प्यार को त्याग दिया है। लेकिन वह पहले से ही सूरज के बच्चे के साथ गर्भवती हो चुकी होती है। वह अपने पिता की मृत्यु के बाद हिमालय के क्षेत्र में चली जाती है, जहाँ वह अभय (अक्षय खन्ना) को जन्म देती है।
अभय अपनी माँ के अतीत की घटनाओं के संस्करण को जानकर अपने पिता को गलत समझते हुए बड़ा होता है। वह भगवान शिव का भक्त है और सीमा उसे (और दुनिया को) उसके पिता के बारे में बताने के बजाय उसे हिमालय पुत्र कहकर पुकारना पसंद करती है। वह ईशा (अंजला जावेरी) से प्यार करने लगता है। लेकिन उसके लिए प्यार उतना महत्वपूर्ण नहीं है। वह अपने पिता को ढूँढ कर अपनी माँ के दुखों के लिए उनसे हिसाब चुकता करना चाहता है। फिर एक दिन, वह सूरज से मिलता है। सूरज अब असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ़ पुलिस बन चुका है और राणा (डैनी डेन्जोंगपा) के नेतृत्व वाले तस्करों के गिरोह का पीछा कर रहा है। वह सूरज की जान बचाता है और उसके बाद दोनों के बीच अच्छे संबंध बन जाते हैं। जब अभय सूरज को अपने घर लाता है और उसे अपनी माँ से मिलवाता है, तो उसके माता-पिता दो दशकों के लंबे अंतराल के बाद एक-दूसरे को देखकर दंग रह जाते हैं। हालाँकि, वे अभय को अपने रिश्ते के बारे में बताना पसंद नहीं करते। लेकिन ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है कि अभय को पता चल जाता है कि सूरज उसका पिता है। फिल्म सूरज के बारे में सीमा और अभय के दिलों में गलतफहमी दूर होकर सभी के खुशहाल मिलन के साथ समाप्त होती है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- विनोद खन्ना — एसीपी सूरज खन्ना
- हेमामालिनी — सीमा मल्होत्रा, अभय की माता
- अक्षय खन्ना — अभय खन्ना
- अंजला जावेरी — ईशा माथुर
- जॉनी लीवर — जॉय
- सतीश शाह — मेजर माथुर, ईशा के पिता
- डैनी डेन्जोंगपा — नरसिंह राणा
संगीत
संपादित करेंहिमालय पुत्र | ||||
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फ़िल्मी संगीत अनु मलिक द्वारा | ||||
जारी | 1 जनवरी 1997 | |||
रिकॉर्डिंग | 1996 | |||
भाषा | हिन्दी | |||
लेबल | सारेगामा | |||
अनु मलिक कालक्रम | ||||
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सभी अनु मलिक द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "कागा सब तन खाइयो" | देव कोहली | अलका यागनिक, सोनू निगम | 7:47 |
2. | "तूने कैसा जादू किया" | राहत इन्दौरी | अलका यागनिक, उदित नारायण | 7:30 |
3. | "आई एम ए बैचलर" | देव कोहली | विनोद राठौड़ | 6:49 |
4. | "इश्क़ हुआ तुझसे जानम" | राहत इन्दौरी | अलका यागनिक, उदित नारायण | 7:33 |
5. | "बम बम भोले" | देव कोहली | उदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति, शंकर महादेवन | 10:34 |
6. | "ना वो इंकार करती है" | निदा फ़ाज़ली | उदित नारायण, अलका यागनिक | 6:44 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "कौन है ये एक्टर जो 'छावा' में बढ़ाने वाला है विकी कौशल की मुश्किलें". TV9 भारतवर्ष. 20 अगस्त 2024. अभिगमन तिथि 21 अगस्त 2024.
- ↑ "'एक्टिंग के अलावा कुछ नहीं कर सकता', सुपरस्टार का बेटा, करियर में 5 साल रहा बेरोजगार, 49 की उम्र में है सिंगल". न्यूज़ 18. 3 जुलाई 2024. अभिगमन तिथि 21 अगस्त 2024.