हुकुमदेव नारायण यादव (जन्म: 17 नवम्बर, 1939 ) भारत की १६वीं लोकसभा के सदस्य, भारतीय जनता पार्टी के सदस्य तथा किसानों के पक्षधर नेता हैं। वे मधुबनी से लोकसभा सदस्य हैं। उन्हें सर्व श्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार मिला हुआ है। जनवरी २०१९ में भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया था। [1]

हुकुमदेव नारायण यादव
भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, हुकुमदेव नारायण यादव को उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार प्रदान करते हुए।

उत्तरा धिकारी अशोक कुमार यादव
चुनाव-क्षेत्र मधुबनी

राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी

हुकुमदेव नारायण यादव का जन्म 17 नवम्बर 1939 को बिहार के दरभंगा जिले के बिजुली गाँव में एक किसान परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम राजगीर यादव था जो स्वत्रन्तासेनानी थे। इनकी माता का नाम चंपा देवी था। इनकी पत्नी का नाम सुदेश यादव है। इनके दो लड़के और एक लड़की हैं।

हुकुमदेव नारायण यादव ने अपना स्नातक राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में बिहार विश्वविद्यालय से किया है। शुरू ही इनका झुकाव समाजसेवा की ओर था। वे अपने पिताजी के साथ खेती और पशुपालन का भी काम किया करते थे।

वर्ष 1950 में हुकुमदेव नारायण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आये और लगभग 10 वर्ष तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सक्रिय भूमिका निभाई। वर्ष 1960 में इन्होने पहली बार राजनीति में कदम रखा और पहली बार अपने गांव 'बिजुली पंचायत' के ग्राम प्रधान के लिए चुने गए। 1960 से 1968 तक वह बिजली पंचायत के प्रधान रहे। 1965 में दरभंगा पंचायत समिति के अध्यक्ष निर्वाचित हुए और वर्ष 1968 तक इस पद पर कार्य किया। इसके बाद उन्होंने विधानसभा की ओर कदम बढ़ाया और 1967 में विधायकी का चुनाव जीत लिया। इसी दौरान वे अन्य दायित्वों का निर्वहन करते हुए वर्ष 1977 में पहली बार भारत की छठी लोकसभा के सदस्य बने। इस दौरान वे जनता पार्टी के सदस्य थे। इसके बाद वर्ष 1980 में लोक दल की ओर से राज्यसभा सांसद बने और इसके बाद अन्य और कई दायित्वों का निर्वहन करते हुए वर्ष 1993 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े। इसके बाद वे एक किसान-नेता के रूप में उभरे। वे किसान मोर्चा के दो बार अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इन्होने भारतीय जनता पार्टी बिहार के उपाध्यक्ष के पद पर भी कार्य किया। वह तीन बार विधायक और पांच बार लोकसभा सांसद चुने जा चुके हैं।

हुकुमदेव नारायण यादव को यात्रा करना, पढना, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों भाग लेना पसंद हैं। इन्हें खाली समय में योग, भजन करना और खेल खेलना पसंद करते हैं। कबड्डी, चिक्का और गुल्ली डंडा इनके प्रिय खेल हैं।

वे अभी तक बेल्जियम, चीन, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, नेपाल, स्वीडन और स्विट्ज़रलैंड की यात्रा कर चुके हैं। वर्ष 1980 में इन्होने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम “गाँव की कहानी” हैं। इनके “किसान की बात” और “संसद में गाँव” जैसे विषयों पर लेख कई पत्रिकाओं जैसे जनसत्ता, नवभारत टाइम्स और आर्यव्रत भारत द्वारा प्रकाशित किये गए।

विभिन्न दायित्व

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  • ग्राम प्रधान, बिजुली पंचायत (1960-68)
  • अध्यक्ष , प्रखंड पंचायत समिति, दरभंगा (1965-67)
  • सदस्य, बिहार विधानसभा ( 1967, 69-72)
  • अध्यक्ष जिला परिषद (जिला बोर्ड) (1971)
  • अध्यक्ष सान्युक सोशलिस्ट पार्टी (सांसोपा), दरभंगा (1972)
  • महासचिव, भारतीय लोक दल, बिहार ( 1974-77)
  • 6 टी लोकसभा सदस्य, (1977-79)
  • महासचिव, जनता पार्टी, बिहार (1977-79)
  • सचिव, संसदीय समिति, बिहार (1977-79)
  • राज्यसभा सदस्य (1980)
  • लोक दल, राज्यसभा सदस्य (1980-86)
  • अध्यक्ष चुनाव समिति, लोक दल, बिहार
  • उपनेता, राज्य सभा ( 1982-84)
  • राष्ट्रीय महासचिव, जनता पार्टी (1983)
  • सदस्य, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण समिति (1983-84)
  • सदस्य, आधिकारिक भाषा समिति (1985-86)
  • अध्यक्ष, जनता पार्टी, बिहार (1985-88)
  • 9 वी लोकसभा में फिर से सदस्य (द्वितीय कार्यकाल) (1989)
  • सदस्य, बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (1989-90)
  • सदस्य, सार्वजनिक उपक्रमों की समिति, सलाहकार समिति और वित्त मंत्रालय (1990)
  • केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (चंद्रशेखर सिंह की सरकार में) (1990-91)
  • 13 वीं लोकसभा (तीसरा कार्यकाल) के लिए फिर से निर्वाचित (1999)
  • केंद्रीय राज्य मंत्री, कृषि (2000)
  • केंद्रीय राज्य मंत्री, भूतल परिवहन (2000)
  • 15 वीं लोकसभा (चौथा कार्यकाल) के लिए फिर से निर्वाचित (2009)
  • 16 वीं लोकसभा (पाँचवे कार्यकाल) के लिए फिर से निर्वाचित(2014)

इन्हें भी देखें

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  1. "मधुबनी सांसद हुकुम देव नारायण यादव को मिला पद्म भूषण पुरस्कार". मूल से 2 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 मई 2019.

बाहरी कड़ियाँ

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साँचा:२०१९ में पद्मभूषण