हुन्ज़ा नदी
हुन्ज़ा नदी या दरया-ए-हुन्ज़ा (Hunza river, دریائے ہنزہ) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के हुन्ज़ा-नगर ज़िले का अहम दरिया है। बहुत ज़्यादा मिट्टी और चट्टानी ज़र्रों की आमेज़िश की वजह से ये बहुत गदला है। यह नदी किलिक नाले और ख़ुंजराब नाले नामक दो झरनों के संगम से बनती है और इसमें कई हिमानियाँ (ग्लेशियर) जल देती हैं। आगे इसी में नलतर नाला और गिलगित नदी मिलते हैं। अंत में यह सिन्धु नदी में मिल जाता है। ऐतिहासिक रेशम मार्ग इस दरिया के साथ चलता है। हुन्ज़ा नदी काराकोरम पर्वतों में इतनी पैनी दिवारों वाली तंग घाटी काटकर निकलती है कि कुछ समीक्षकों ने कहा है कि 'लगता है कि चट्टानें चाकू से काटी गई हों'।[1]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ The Silk Road, Soren Arutyunyan, Electa Napoli, 1994, ... It sits above the angry Hunza River that has cut an emphatically deep course through the towering Karakoram mountains. The vertical banks look as if they'd been sliced by a giant chopping knife, and glacial mud colors the Hunza River ...