हेरोद महान

रोम के अंतर्गत आने वाले हेरोडियन साम्राज्य के राज्य जूडीआ का एक राजा

हेरोद (ई. पूर्व. 73 से 4 ई तक) (इब्रानी: הוֹרְדוֹס होर्द़ोस, अ-ध्व-लि: /hoɾðos/, यूनानी: ἡρῴδης हेरोडेस, अ-ध्व-लि /heːroːdeːs/) रोम के अंतर्गत आने वाले हेरोडियन साम्राज्य के राज्य जूडीआ का एक राजा और हेरोद ऐंटीपेटर का पुत्र था।

ई. पू. 47 में रोम की सेवाओं के पुरस्कारस्वरूप जूलियस सीजर ने ऐंटीपेटर को जुदेआ का प्रशासक नियुक्त किया था। उस समय ऐंटीपेटर ने हेरोद को गवर्नर बना दिया। लेकिन ई. पूर्व 43 में ऐंटीपेटर की हत्या और देश पर पार्थियनों के कब्जा कर लेने के कारण वह रोम भाग आया। रोम में उसके मार्क एंटोनी का समर्थन प्राप्त किया। ऐंटोनी ने ई. पूर्व 40 में हेरोद को यहूदियों का शासक बनाने की स्वीकृति सीनेट से लेकर उसे कुस्तुंतुनियाँ भेज दिया। यहाँ आकार उसने ई. पूर्व 37 में रोमन सेनाओं की सहायता से जेरुसलम पर अधिकार कर लिया और वहाँ का शासक बन गया। बाद में उसने राजकुमारी मेरी आयूनी से अपनी दूसरी शादी कर अपनी स्थिति को और सुदृढ़ कर लिया।

अपने शासनकाल के पहले चरण (ई. पूर्व 37 से 25) में हेरोद ने प्रतिस्पर्धियों को दबाकर अपनी गद्दी को सुरक्षित बनाया। रोम के एक प्रतिनिधि शासक के रूप में वह रोम का विश्वासपात्र बना रहा। लेकिन रोम में ऐंटोनी और आक्टेवियस की प्रतिद्वंदिता के कारण उसकी स्थिति डावाँडोल बनी रहती थी। ई. पूर्व 31 के युद्ध में आवटेवियस ने उसे क्षमा करके उसको अपना समर्थन प्रदान किया।

उसके शासनकाल का दूसरा भाग (ई. पू. 25 से 13 तक) महान्‌ निर्माण का काल है। उसने उस समय अनेक भव्य भवनों का निर्माण करवाया। सोमारिया नगर का पुनर्निर्माण और जेरुसलम का जीर्णोद्धार करवाया। रंगमंच, ओपेरा और खेलकूद के केंद्र बनवाए। जेरुसलम के महान्‌ मंदिर में पुनरुद्धार का काम शुरु किया। वह सफल शासक था, फिर भी शासन की कठोरता और दमन नीति के कारण वह जनता की शुभेच्छा नहीं प्राप्त कर सका। बाद में घरेलू झगड़ों के कारण उसके शासन को बहुत हानि पहुँची। ई. पूर्व 4 में जेरुसलम में उसकी मृत्यु हो गई।