अजयराज प्रथम (शासन ७२१-७३४ सीई) शकम्भरी (आज का सांभर) के चौहान राजवंश से संबंधित एक राजा था। उन्होंने वायव्य भारत में आज के राजस्थान के कुछ हिस्सों पर शासन किया। उन्हें जयराजा, अजयपाल चकवा या अजयपाल चकरी के नाम से भी जाना जाता है।[1]

अजयराज प्रथम ने नरदेव राजा के बाद चौहान सिंहासन पे बैठे।[2] १२वीं शतक के इतिहास पृथ्वीराज विजय के अनुसार, वह एक महान योद्धा थे, जिन्होंने कई शत्रुओं को हराया था।[1]

एक सिद्धांत के अनुसार, अजयराज प्रथम ने अजयमेरु (आज की अजमेर) शहर की स्थापना किया। इतिहास प्रबंध-कोश के अनुसार, उन्होंने अजयमेरु किले को चालू किया, जिसे बाद में अजमेर के तारागढ़ किले के रूप में जाना जाने लगा।[3] अकबर उल-अख्यार इसे भारत का पहला पहाड़ी किला कहते हैं। हालाँकि, पृथ्वीराज विजय अजमेर की स्थापना का श्रेय उनके वंशज; अजयराज द्वितीय (१२वीं शतक) को देता है।[3] इतिहासकार आर. बी. सिंह के अनुसार, अजमेर के संस्थापक होने की अधिक संभावना है, क्योंकि ८वीं शतक के शिलालेख अजमेर में पाए गए हैं।[4] सिंह का मानना है कि अजयराज द्वितीय ने बाद में अजमेर का महत्वपूर्ण विकास किया और राज्य की राजधानी को शकम्भरी से अजमेर में स्थानांतरित किया।[5] श्याम सिंह रत्नावत और कृष्ण गोपाल शर्मा जैसे अन्य इतिहसिकार का मानना है कि अजमेर की स्थापना अजयराजा द्वितीय ने ही की थी।[2]

अजयराज प्रथम के बाद उनके पुत्र विग्रहराज प्रथम ने चौहानी सिंहासन पर बैठ गए।[6]

  1. R. B. Singh 1964, पृ॰ 86.
  2. Shyam Singh Ratnawat & Krishna Gopal Sharma 1999, पृ॰ 95.
  3. R. B. Singh 1964, पृ॰ 87.
  4. R. B. Singh 1964, पृ॰ 88.
  5. R. B. Singh 1964, पृ॰प॰ 131-132.
  6. R. B. Singh 1964, पृ॰ 55.

ग्रंथ सूची

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  • R. B. Singh (1964). History of the Chāhamānas. N. Kishore. OCLC 11038728.
  • Shyam Singh Ratnawat; Krishna Gopal Sharma (1999). History and culture of Rajasthan: from earliest times upto 1956 A.D. Centre for Rajasthan Studies, University of Rajasthan.