अनाकारिक तर्कदोष
अनाकारिक तर्कदोष (informal fallacy) प्राकृतिक भाषा में गलत तरह के तर्कों को कहते हैं। आकारिक तर्कदोष में त्रुटि का स्रोत के केवल तर्क के रूप (आकार) होता है इसके अतिरिक्त अनाकारिक तर्कदोष में तर्क की विषयवस्तु और प्रसंग भी हो सकते हैं। तर्कदोष गलत होने के साथ सामान्यतः सही जैसा प्रतीत होता है अतः यह लोगों को विलुब्ध (पथभ्रष्ट/फुसलाना) करते सकते हैं और लोग इन्हें स्वीकार कर लेते हैं। ये भ्रामक प्रतीतियाँ अक्सर प्राकृतिक भाषा के विभिन्न पहलुओं से जुड़े होते हैं जैसे द्विअर्थी या अस्पष्ट अभिव्यक्ति अथवा किसी वाक्य को स्पष्ट रूप से बताने के स्थान पर अस्पष्ट (निहित) परिक्षेत्र की अभिधारणा व्यक्त करना।
पारम्परिक रूप से द्वयर्थक तर्कदोष, अनेकार्थकता तर्कदोष, विभाजन या संयोजन तर्कदोष, असत्य द्वन्द्व, आत्माश्रय दोष, व्यक्ति-केन्द्रित तर्कदोष और अनभिज्ञता निवेदन सहित बड़ी संख्या में अनाकारिक तर्कदोष को अभिनिर्धारित (पहचाना) किया जा चुका है।[1] विभिन्न तर्कदोषों को श्रेणीबद्ध करने पर कोई सामान्य सहमति नहीं है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ तर्कदोषों का परिचय, अभिगमन तिथि: 24 अगस्त 2024