अनुपमा (1966 फ़िल्म)

हिन्दी भाषा में प्रदर्शित चलवित्र

अनुपमा 1966 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।

अनुपमा

अनुपमा का पोस्टर
निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी
अभिनेता धर्मेन्द्र,
शर्मिला टैगोर,
शशि कला,
देवेन वर्मा,
दुर्गा खोटे,
दुलारी,
सुरेखा,
ब्रह्म भारद्वाज,
राजदीप,
उस्मान,
प्रदर्शन तिथियाँ
[[]], 1966
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

उमा (शर्मिला टैगोर) मुंबई में अपने कारोबारी पिता मोहन शर्मा (तरुण बोस) के साथ रहती है। उमा को जन्म देते समय उसकी माँ (सुरेखा पण्डित) का निधन हो गया था और उसके पिता उमा को इस बात का दोषी मानते हैं तथा उससे नफ़रत करने लगते हैं। अपनी पत्नी के ग़म से उनको शराब की लत लग जाती है और जब नशे में डूबे हुए रात को वह घर आते हैं तब बेटी के लिए उनका प्यार उमड़ पड़ता है और अक्सर दफ़्तर से आते समय वह उमा के लिए खिलौने इत्यादि उपहार ले आते हैं। पिता द्वारा दुतकारी और धाई द्वारा पाली गई उमा एक सहमी सी अन्तरमुखी युवती बन कर उभरती है। कुछ समय पश्चात् अधिक शराब पीने से मोहन शर्मा की तबियत ख़राब हो जाती है और डॉक्टर की सलाह पर वह अपने दोस्त सुरेश बक़्शी और उनकी लड़की अनीता (शशिकला) और उमा के साथ स्वास्थ्य लाभ के लिए महाबलेश्वर चले जाते हैं।

इधर मोहन शर्मा के स्वर्गीय दोस्त हरि मेहता का लड़का अरुण (देवेन वर्मा) विलायत से तालीम हासिल करके पाँच साल बाद भारत वापस आता है। हरि मेहता चाहते थे कि अरुण और उमा का आपस में विवाह हो जाए। मोहन शर्मा की तबियत की बात सुनकर वो अपने जिगरी दोस्त अशोक (धर्मेंद्र), जो कि एक अध्यापक और लेखक है, अशोक की माँ (दुर्गा खोटे) और बहन के साथ उनको मिलने महाबलेश्वर आ जाता है। यहाँ अशोक की उमा से और अरुण की अनीता से मुलाकात होती है और देखते ही देखते प्यार हो जाता है। पहले तो मोहन शर्मा इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं होते हैं लेकिन उस सहमी सी उमा में आश्चर्यजनक परिवर्तन आता है और अब वह अपने पिता से तर्क करने का साहस कर सकती है। जब वह घर छोड़ कर अशोक के साथ जाने की बात करती है तो उसके पिता इजाज़त दे देते हैं। अन्तिम दृश्य में दिखाया है कि अशोक और उमा ट्रेन में बैठकर अशोक के गाँव जा रहे हैं और मोहन शर्मा एक खम्भे के पीछे छुपकर आँसू बहाते हुए उनको जाते देख रहे हैं।

चरित्र संपादित करें

मुख्य कलाकार संपादित करें

दल संपादित करें

संगीत संपादित करें

इस फ़िल्म के संगीतकार हैं हेमन्त कुमार और गीतकार हैं कैफ़ी आज़मी। इस फ़िल्म के गाने इस प्रकार हैं:-

गीत गायक
कुछ दिल ने कहा लता मंगेशकर
क्यों मुझे इतनी ख़ुशी दे दी आशा भोंसले
धीरे धीरे मचल लता मंगेशकर
भीगी भीगी फ़ज़ाँ आशा भोंसले
या दिल की सुनो दुनियावालों हेमन्त कुमार

रोचक तथ्य संपादित करें

परिणाम संपादित करें

बौक्स ऑफिस संपादित करें

समीक्षाएँ संपादित करें

नामांकन और पुरस्कार संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें