अब्दुल्ला (1980 फ़िल्म)
अब्दुल्ला 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। यह संजय ख़ान द्वारा निर्देशित और निर्मित थी। इस फिल्म में राज कपूर, संजय ख़ान, ज़ीनत अमान और डैनी डेन्जोंगपा के साथ संजीव कुमार और फरीदा जलाल ने छोटी भूमिकाओं में अभिनय किया। कादर ख़ान ने संवाद लिखें।
अब्दुल्ला | |
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![]() अब्दुल्ला का पोस्टर | |
निर्देशक | संजय ख़ान |
लेखक | कादर ख़ान (संवाद) |
निर्माता | संजय ख़ान |
अभिनेता |
राज कपूर, संजय ख़ान, ज़ीनत अमान, डैनी डेन्जोंगपा |
संगीतकार | आर॰ डी॰ बर्मन[1] |
प्रदर्शन तिथियाँ |
26 सितंबर, 1980 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंकिसी अरब देश में, खलील (डैनी डेन्जोंगपा) आतंक फैलाने वाला खतरनाक डाकू है। शेख मोहम्मद अल-कमाल (संजय ख़ान) सम्मानित व्यक्ति है, जो लोगों को नुकसान से बचाने में मदद करता रहता है। उससे सरकार द्वारा खलील की खोज में मदद करने के लिए कहा जाता है। खलील को पकड़ना अब शेख के लिए व्यक्तिगत मामला बन जाता है जब उसकी पत्नी ज़ैनब (ज़ीनत अमान), खलील द्वारा किए गए अपहरण प्रयास के दौरान घायल हो जाती है।
अब्दुल्ला (राज कपूर) धर्मनिष्ठ मुसलमान है, जो रेगिस्तान के बीच में एक छोटी सी झोपड़ी में रहता है। वह एक कुएँ की देखभाल करता है जो प्यासे यात्रियों को पानी प्रदान करता है। एक दिन, एक दोस्त, आमिर (संजीव कुमार) ने उसे सूचित किया कि खलील ने पास ही एक बस्ती पर छापा मारा था, जिसमें एक गर्भवती महिला यशोदा (फरीदा जलाल) को छोड़कर सभी की मौत हो गई थी। इसके तुरंत बाद, आमिर खुद मारा जाता है। घायल यशोदा एक लड़के को जन्म देती है, उसका नाम कृष्णा रखती है, अब्दुल्ला को उसकी देखभाल करने के लिए कहती है और मर जाती है। अब्दुल्ला किसी हिन्दू लड़के को पालने के अपने डर पर काबू पा लेता है और कृष्णा को अपने बेटे के रूप में देखता है।
एक दिन खलील का जादूगर उसे बताता है कि वह कृष्णा के हाथों मरने वाला है। जिस प्रकार हिन्दू देवता कृष्णा ने अपने मामा कंस का वध किया था, उसी प्रकार खलील का जीवन भी इस कृष्णा के हाथों समाप्त हो जाएगा। इससे क्रोधित होकर खलील कृष्णा को मारने के लिए निकल पड़ता है। वह अब्दुल्ला पर हमला करता है, कृष्णा का अपहरण कर लेता है और उसके खिलाफ किसी भी खतरे से छुटकारा पाने के लिए लड़के को मारने के लिए तैयार हो जाता है। जवाब में, अब्दुल्ला और शेख ने इसे रोकने के लिए और खलील को समाप्त करने की ठानी।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- राज कपूर — अबदुल्ला
- संजय ख़ान — शेख मोहम्मद अल-क़माल
- ज़ीनत अमान — ज़ैनब
- महमूद — अहमद
- डैनी डेन्जोंगपा — खलील
- संजीव कुमार — आमिर
- फरीदा जलाल — यशोदा
- बॉब क्रिस्टो
- नासिर हुसैन — अंधा आदमी
- कादर ख़ान — सैन्य अफसर
- सुजीत कुमार — जमाल
- लीला मिश्रा — यशोदा की सास
- मुकरी — व्यापारी
- गुफी पेंटल — नसीर
- राकेश पांडे — यशोदा का पति
- प्रवीन कौल — गंगूबाई
- ओम प्रकाश — पंडित
- मदन पुरी — सैन्य कमांडर
संगीत
संपादित करेंसभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "ओम जय जगदीश हरे" | लता मंगेशकर | 4:52 |
2. | "मैंने पूछा चाँद से" | मोहम्मद रफ़ी | 5:08 |
3. | "लल्ला अल्लाह तेरा" | मन्ना डे | 5:20 |
4. | "जश्न-ए-बहार" | आशा भोंसले | 3:58 |
5. | "ऐ खुदा हर फैसला" | किशोर कुमार | 4:50 |
6. | "भीगा बदन जलने लगा" | आशा भोंसले | 3:57 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Happy Birthday RD Burman: Some interesting facts about the legend". द इंडियन एक्सप्रेस (in Indian English). 27 जून 2014. Archived from the original on 23 अप्रैल 2019. Retrieved 23 अप्रैल 2019.