अहीरवाटी भाषा
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (अप्रैल 2020) स्रोत खोजें: "अहीरवाटी भाषा" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
अहीरवाटी एक हिन्द-आर्य भाषा है, जिसे हरियाणा-राजस्थानी भाषा के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह अहीरवाल, दिल्ली, राजस्थान, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, गुड़़गांव कोटपूतली- बहरोड़ में बोली जाती है। प्रसिद्ध इतिहासकार रॉबर्ट वान रसेल अहिरवाटी के अनुसार अहीर समुदाय की भाषा है और हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में बोली जाती है।
रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, गुरगांव, कोटकासिम, कोटपूतली, बंसूर, दक्षिण दिल्ली, बहरोड़, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली, और मुण्डावर को अहीरवाटी बोलने वाले क्षेत्र का केंद्र माना जा सकता है।
अहीरवाटी बोली राजस्थान में कोट बहरोड़ जिले की बहरोड़, नीमराणा, मांढ़ण, बानसूर व कोटपूतली के उत्तरी भाग व खैरथल जिले की मुण्डावर , किशनगढ़ के पश्चिमी भाग। [[1]]
जोधराज द्वारा रचित हम्मीर रासो महाकाव्य अहीरवाटी भाषा में ही लिखा गया है। जोधराज नीमराणा के राजकवि थे ।
संद्रभ
संपादित करें[[2]]