अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत लिप्यन्तरण वर्णमाला

(आइएऍसटी से अनुप्रेषित)


अन्तरराष्ट्रीय संस्कृत लिप्यन्तरण वर्णमाला (असंलिव) (अंग्रेजी: IAST, International Alphabet of Sanskrit Transliteration) एक लोकप्रिय लिप्यन्तरण स्कीम है जो कि इण्डिक लिपियों के हानिरहित (लॉसलॅस) रोमनकरण हेतु प्रयोग की जाती है। इसमें गैर-आस्की वर्णों का भी प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा छोटे-वर्ण और बड़े-वर्ण दोनों का प्रयोग किया गया है।

लोकप्रियता

संपादित करें

IAST संस्कृत तथा पाली के रोमनकरण हेतु सर्वाधिक लोकप्रिय लिप्यन्तरण स्कीम है। यह प्राय: मद्रित प्रकाशनों में प्रयोग की जाती है, खासकर किताबें जो कि भारतीय धर्मों से संबंधित प्राचीन संस्कृत तथा पाली विषयों पर हों। यूनिकोड फॉण्टों की सुलभता हो जाने से इसका प्रयोग इलैक्ट्रॉनिक टैक्स्ट के लिये भी बढ़ने लगा है।

IAST 'इंटरनेशनल काँग्रेस ऑफ ओरिएंटलिस्ट्स' द्वारा १८८४ में जेनेवा में तय किये गये एक मानक पर आधारित है[1]। यह देवनागरी तथा अन्य ब्राह्मी परिवार की इण्डिक लिपियों जैसे शारदा लिपि हेतु एक हानिरहित (लॉसलॅस) लिप्यन्तरण उपलब्ध कराती है। साथ ही यह न केवल संस्कृत के फोनेम ही नहीं, बल्कि फोनेटिक ट्राँसक्रिप्शन भी प्रकट करती है। (उदाहरणार्थ, विसर्ग शब्दों के अन्त में आने वाले 'र्' तथा 'स्' का उपस्वन (allophone) है।

कोलकाता राष्ट्रीय पुस्तकालय रोमनीकरण-योजना, ब्राह्मी परिवार की इण्डिक लिपियों के रोमनकरण हेतु IAST का ही विस्तार है।

IAST की प्रतीक-योजना

संपादित करें

IAST की प्रतीक योजना नीचे दी गई है-

 
a  A
 
ā  Ā
 
i  I
 
ī  Ī
 
u  U
 
ū  Ū
 
ṛ  Ṛ
 
ṝ  Ṝ
 
ḷ  Ḷ
 
ḹ  Ḹ
स्वर


 
e  E
 
ai  Ai
 
o  O
 
au  Au
संध्यक्षर
(diphthongs)


अं 
ṃ  Ṃ
अनुस्वार
अः 
ḥ  Ḥ
विसर्ग


कण्ठ्य तालव्य मूर्धन्य दन्त्य ओष्ठ्य
 
k  K
 
c  C
 
ṭ  Ṭ
 
t  T
 
p  P
अघोष
 
kh  Kh
 
ch  Ch
 
ṭh  Ṭh
 
th  Th
 
ph  Ph
महाप्राण अघोष
 
g  G
 
j  J
 
ḍ  Ḍ
 
d  D
 
b  B
सघोष
 
gh  Gh
 
jh  Jh
 
ḍh  Ḍh
 
dh  Dh
 
bh  Bh
महाप्राण सघोष
 
ṅ  Ṅ
 
ñ  Ñ
 
ṇ  Ṇ
 
n  N
 
m  M
नासिक्य
   
y  Y
 
r  R
 
l  L
 
v  V
अर्धस्वर
   
ś  Ś
 
ṣ  Ṣ
 
s  S
  ऊष्म
 
h  H
        सघोष संघर्षी

ISO 15919 के साथ तुलना

संपादित करें

अधिकतर रूप से आइएऍसटी ISO 15919 का एक उपसमुच्चय है। निम्नलिखित पाँच अपवाद हैं क्योंकि आईएसओ मानक ने कुछ अतिरिक्त प्रतीक भी स्वीकार किए हैं जो देवनागरी एवं अन्य भारतीय भाषाओं द्वारा गैर-संस्कृत भाषाओं के शब्दों को लिखने के लिए प्रयुक्त होते हैं।

देवनागरी IAST ISO 15919 टिप्पणी
ए/ े e ē ISO e -- ऎ/ ॆ के लिए
ओ/ो o ō ISO o -- ऒ/ॊ के लिए
 ं ISO -- गुरुमुखी 'टिप्पी'  ੰ के लिए
ऋ/ ृ ISO -- ड़ के लिए .
ॠ/ ॄ r̥̄ for consistency with .

इन्हें भी देखें

संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें