आचार्य मुद्गल ऋग्वेद के भाष्यकार हैं। इनका समय चौदहवीं शताब्दी ईस्वी है। इनका भाष्य 'सायण भाष्य' पर आधारित है।[1] इनके भाष्य का उपलब्ध अंश विश्वेश्वरानन्द वैदिक शोध संस्थान, होशियारपुर से स्कन्दस्वामी एवं वेंकट माधव की व्याख्या के साथ प्रकाशित हो चुका है।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. संस्कृत वाङ्मय कोश, प्रथम खण्ड, संपादक- डॉ॰ श्रीधर भास्कर वर्णेकर, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, तृतीय संस्करण-2010, पृष्ठ-415.

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