आया सावन झूम के

1969 की फ़िल्म

आया सावन झूम के 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह रघुनाथ झलानी द्वारा निर्देशित है। फिल्म में धर्मेन्द्र, आशा पारेख, नज़ीर हुसैन, निरूपा रॉय और अरुणा ईरानी हैं। इस फिल्म का संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने दिया और गीत के बोल आनंद बख्शी ने लिखें।

आया सावन झूम के

आया सावन झूम के का पोस्टर
निर्देशक रघुनाथ झलानी
पटकथा सचिन भौमिक
निर्माता जे ओम प्रकाश
अभिनेता धर्मेन्द्र,
आशा पारेख,
नज़ीर हुसैन,
निरूपा रॉय
संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
प्रदर्शन तिथि
1969
देश भारत
भाषा हिन्दी

नौकरानी माया (निरूपा रॉय) गलती से अपने मालिक को मार देती है, जब वह उसके साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहा था। पुलिस द्वारा उसका पीछा किए जाने पर, माया अपने बेटे को एक मंदिर के दरवाजे पर छोड़ने का फैसला करती है। बच्चे को मंदिर के पुजारी द्वारा अपनाया जाता है जो बच्चे को घर ले जाता है। तभी, एक अमीर आदमी (नज़ीर हुसैन) और उसकी पत्नी मंदिर में आते हैं और भगवान से उन्हें एक बच्चा देने के लिए प्रार्थना करते हैं। उनकी बात सुनकर, मंदिर का पुजारी बच्चे को उन्हें सौंप देता है और उन्हें उसको अपने बच्चे के रूप में पालने के लिए कहता है। दंपती बच्चे का नाम जयशंकर रखते हैं। जयशंकर बड़े होने पर अपने पिता का व्यवसाय संभालने लगता है।

एक दिन जयशंकर की मुलाकात आरती (आशा पारेख) से होती है। वह उसे लुभाने में सफल रहता है और उसके पिता के साथ उनकी शादी की बात करने को राज़ी होता है। उसके घर के रास्ते में जाते समय वह उसके पिता के ऊपर अनजाने में गाडी दौड़ा देता है, जिससे वह तुरंत मर जाते हैं। अपराधबोध से ग्रस्त होकर, वह आरती, उसके भाई पप्पू और बहन माला (अरुणा ईरानी) की देखभाल करने लगता है। लेकिन इस तथ्य को छुपाता है कि वह उनके पिता की मृत्यु के लिए जिम्मेदार था। जब आरती को न केवल सच्चाई का पता चलता है, बल्कि वह कैबरे डांसर रीटा (लक्ष्मी छाया) के साथ जयशंकर के अंतरंग होने की भी गवाह बनती है। अब हालात और खराब हो जाते हैं। फिर जयशंकर को उसके पिता द्वारा घर से निकाल दिया जाता है जब परिवार को पता चलता है कि उसका रीटा के साथ एक बेटा है। फिर बाद में पुलिस रीटा की हत्या के आरोप में जयशंकर को गिरफ्तार कर लेती है । हालांकि, बाद में यह पता चलता है कि वह अपनी बहन के पति राजेश को बचा रहा है और उसे रीटा द्वारा पैसे के लिए ब्लैकमेल किया जा रहा है। अंत में, यह पता चलता है कि रीटा के असली पति ने उसे अन्य लोगों को धोखा देने और पैसे के लालच में गोली मार दी थी।

मुख्य कलाकार

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सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."आया सावन झूम के"लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी6:53
2."बुरा मत सुनो बुरा मत देखो"मोहम्मद रफ़ी4:11
3."रामा दुहाई मेरे रामा दुहाई"लता मंगेशकर4:32
4."ये शमा तो जली रोशनी के लिये"मोहम्मद रफ़ी4:34
5."मांझी चल ओ मांझी चल"मोहम्मद रफ़ी4:09
6."साथिया नहीं जाना के जी ना लगें"मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर4:29
7."मैं एक हसीना वो एक दीवाना"आशा भोंसले4:46

बाहरी कड़ियाँ

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