आशिक आवारा

1993 की उमेश मेहरा की फ़िल्म

आशिक आवारा 1993 में बनी हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन उमेश मेहरा ने किया और मुख्य भूमिकाओं में सैफ अली खान और ममता कुलकर्णी हैं। ये दोनों की मुख्य भूमिका वाली पहली फिल्म थी। इस फिल्म के लिये सैफ और ममता को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ नवोदित कलाकार का पुरस्कार प्राप्त हुआ था, हालाँकि ये सैफ की दूसरी और ममता की चौथी फिल्म थी।[1]

आशिक आवारा

आशिक आवारा का पोस्टर
निर्देशक उमेश मेहरा
अभिनेता सैफ़ अली ख़ान,
ममता कुलकर्णी,
मोहनीश बहल,
सईद जाफ़री,
कादर ख़ान
संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
प्रदर्शन तिथियाँ
28 मई, 1993
देश भारत
भाषा हिन्दी

केदारनाथ (सईद जाफ़री) कई दुश्मनों के साथ एक अमीर आदमी है। एक दिन एक टैक्सी चालक दिलेर सिंह (नवीन निश्चल), उनके जीवन को बचाता है लेकिन इसके बजाय खुद मारा जाता है। केदारनाथ आभारी हैं और दिलेर की विधवा और बेटे की देखभाल करने के लिए तैयार हैं। लेकिन उसके दुश्मन इसके बारे में पता लगाते हैं, और इसके बजाय शीला और उसके बेटे विक्रम को उनके देते हैं। असली विधवा उनके द्वारा मारी जाती है और उसके बेटे जिमी (सैफ अली खान) की देखभाल एक दयालु गरीब आदमी जग्गू और उनके बेटे गुलू ने की। सालों बाद, जिमी और गुलू बड़े हो गए लेकिन अभी भी चोरी कर रहे हैं। जिमी दिल्ली में पहुँच कर राकेश राजपाल का प्रतिरूपण करता है और ज्योति (ममता कुलकर्णी) से मिलता है और उसके साथ प्यार करता है। ज्योति ने उसे अपने पिता के साथ मिलाया जो कोई और नहीं केदारनाथ है।

मुख्य कलाकार

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संगीत - लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
गीतकार - आनंद बख्शी
# शीर्षक गायक
1 "सात सुरों के संगम से" अलका याज्ञिक
2 "मैंने प्यार कर लिया" उदित नारायण, अलका याज्ञिक
3 "आज अभी सी वक्त" उदित नारायण, अलका याज्ञिक
4 "मैं हूँ आशिक" उदित नारायण
5 "तेरे आशिक है हम" उदित नारायण
6 "जय जगदीश हरे" विनोद राठोड़, अलका याज्ञिक
7 "अमर मेरे सुहाग रहे" साधना सरगम
8 "चाँद और पिया" साधना सरगम
9 "सूरत मूरत से धोखा" विनोद राठोड़
10 "हे सनम" कविता कृष्णमूर्ति

नामांकन और पुरस्कार

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  1. "जब ड्रग्स के रैकेट में फंस गई ये 'भोली भाली लड़की'". न्यूज़ 18. 20 अप्रैल 2018. मूल से 16 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जून 2018.

बाहरी कड़ियाँ

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