उत्तरी युआन राजवंश (मंगोल: ᠬᠦᠮᠠᠷᠳᠦ ᠥᠨ ᠥᠯᠥᠰ; चीनी: 北元, बेई युआन; अंग्रेजी: Northern Yuan Dynasty) युआन राजवंश के उन बचे-कुचे भागों को कहते हैं जो अपने सन् १३६८ में चीन से सत्ता-वांछित और निकाले जाने के बाद मंगोलिया वापस चले गए थे। ध्यान रहे कि चीन पर शासन करने वाला युआन राजवंश वास्तव में चीनी जाति का नहीं बल्कि मंगोल जाति का था। १५वीं सदी में दयन ख़ान और मंदूख़​ई ख़ातून ने पूरे मंगोल राष्ट्र को फिर संगठित कर दिया। मंगोलिया में उत्तरी युआन राजवंश को 'चालीस और चार तुमेन' कहा जाता है क्योंकि इसमें चालीस तुमेन पूर्वी मंगोल और चार तुमेन पश्चिमी तुमेन शामिल थे (मंगोल भाषा में 'तुमेन' का मतलब 'दस हज़ार' है)। इस राजवंश के अन्तकाल में मंगोलिया में बौद्ध धर्म का प्रभाव बहुत बढ़ा। १६३५ में मान्छु लोगों के दबाव के कारण इसका अंत हो गया और मान्छुओं ने मंगोलिया, चीन और अन्य क्षेत्रों को अपने अधीन कर लिया।[1]

चित्र:Manduhai Poststamp.jpg
उत्तरी युआन राजवंश की (रानी) ख़ातून मंदूख़​ई, जिन्हें 'बुद्धिमान रानी मंदूख़​ई' कहा जाता है

इन्हें भी देखें

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  1. World and Its Peoples: Eastern and Southern Asia, Marshall Cavendish Corporation, Not Available (NA), Marshall Cavendish, 2007, ISBN 978-0-7614-7631-3, ... After the last Yuan emperor was expelled from Dadu in 1368, the Mongol Yuan leaders retreated to Mongolia, where they kept a tenuous hold on power through what modern historians call the Northern Yuan dynasty ...