ओरंगउटान एशिया में वर्तमान युग में पाया जाने वाला अकेला वनमानुष (बड़े अकार का मानवनुमा कपि) है। यह सभी वृक्षवासी जानवरों में आकार में सबसे बड़े हैं और इनकी भुजाएँ सभी अन्य महाकपियों से (जैसे की चिम्पान्ज़ी, मनुष्य, गोरीला) लम्बी होती हैं। यह काफ़ी बुद्धिमान होते हैं और भिन्न प्रकार के औज़ार इस्तेमाल करते हैं। हर रात को यह डंडियों और पत्तों से अपने लिए एक शय्या-सी भी तैयार करते हैं। जहाँ अन्य महाकपियों के बाल ख़ाकी या काले होते हैं, वहाँ ओरंगउटानों के बाल लाल-से रंग के होते हैं।

ओरांगूटान
बोर्नियो का ओरांगूटान
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: जंतु
संघ: रज्जुकी
वर्ग: स्तनधारी
गण: वानर
कुल: होमिनिडी
उपकुल: पौंगिनी
वंश: पौंगो
बर्नार्ड, १७९९
प्रकार जाति
पौंगो बोर्नियो
बर्नार्ड, १७९९
जाति

पौंगो पिगमीअस
पौंगो ऍबेली

ओरांगूटान की दोनों जातियों का आवास क्षेत्र
पर्यायवाची

फ़ौनस ओकन, १८१६
लोफोटस फ़िशर, १८१३
मैक्रोबेट्स बिलबर्ग, १८२८
सैटायरस लॅसन, १८४०

एक हँसता हुआ बोर्नियाई ओरंगउटान

ओरंगउटान इंडोनीशिया और मलेयशिया के जंगलों में पाए जाते हैं।[1] इनकी दो उपजातियाँ हैं - बोर्नियाई ओरंगउटान (वैज्ञानिक नाम: पोंगो पिग्मेयस, Pongo pygmaeus) और सुमात्राई ओरंगउटान (वैज्ञानिक नाम: पोंगो ऐबेलाए, Pongo abelii)। सुमात्राई ओरंगउटान अब बहुत कम बचे हैं और इनकी नस्ल लुप्त होने का बड़ा ख़तरा है।[2] ओरंगउटान की और भी जातियाँ हुआ करती थीं लेकिन वे अब ख़त्म हो चुकी हैं, जिन में से एक शिवापिथेकस नामक नस्ल भारत की शिवालिक पहाड़ियों में वास करती थी।

शब्दोत्पत्ति

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ओरंगउटान शब्द मलय भाषा से आया है और इसका अर्थ है वनमानुष (ओरंग का अर्थ "मनुष्य" और हुतन का अर्थ "जंगल" होता है)।

ओरंगउटान चिड़ियाघरों में 60 साल तक जीते हैं और माना जाता है के जंगलों में स्वतन्त्र रूप से यह लगभग 35 वर्षों तक जीते होंगे, हालांकि इसका पक्का अनुमान अभी तक नहीं लगाया गया है।[3]

इन्हें भी देखें

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  1. "वो वनमानुष जो मां के रूप में याद की जाएगी..."
  2. "इंसानों जितने समझदार वनमानुष देखे हैं?". Archived from the original on 18 दिसंबर 2015. Retrieved 12 अप्रैल 2020. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  3. "Primates: Orangutans - National Zoo| FONZ". Nationalzoo.si.edu. Archived from the original on 14 अप्रैल 2011. Retrieved 2011-01-27.