कुर्बान (1991 फ़िल्म)

1991 की दीपक बहरी की फ़िल्म

कुर्बान 1991 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसमें सलमान ख़ान और अपनी पहली फिल्म में आयशा जुल्का हैं।[1] यह हिंसा की पृष्ठभूमि वाली एक प्रेम कहानी है। फिल्म में सुनील दत्त और कबीर बेदी, क्रमशः डकैत और एक शीर्ष पुलिस वाले के रूप में एक दूसरे के खिलाफ है। उनके बच्चे एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं और इस तरह दोनों के बीच एक बड़ा दूसरा टकराव शुरू हो जाता है।

कुर्बान

कुर्बान का पोस्टर
निर्देशक दीपक बहरी
लेखक विनय शुक्ला
निर्माता बब्बी केंट
अभिनेता सुनील दत्त,
कबीर बेदी,
सलमान ख़ान,
आयशा जुल्का,
गुलशन ग्रोवर
संगीतकार आनंद-मिलिंद
प्रदर्शन तिथियाँ
31 मई, 1991
देश भारत
भाषा हिन्दी

मान सिंह और पृथ्वी सिंह (सुनील दत्त) एक जायदाद के कानूनी विवाद में फंस जाते हैं। अदालत अपना फैसला पृथ्वी के तरफ सुनाती है, जिससे मान सिंह को गुस्सा आ जाता है। वो एक डाकू, पन्ना सिंह को पृथ्वी के सारे परिवार वालों को मारने का आदेश देता है। पन्ना पूरी तरह सफल नहीं हो पाता है और जख्मी भी हो जाता है। वो पृथ्वी से बचने के लिए जंगल में चला जाता है। पृथ्वी अपनी बहन, बीवी और अन्य परिवार के सदस्यों को इस हमले में खो देता है और अब मान सिंह के परिवार वालों को मार कर इसका बदला लेने की सोचता है, लेकिन वो भी पूरी तरह सफल नहीं हो पाता है।

मान सिंह का भाई, पुलिस इंस्पेक्टर सूरज सिंह (कबीर बेदी), किसी तरह पृथ्वी से मिलता है। वो पृथ्वी का सच्चा दोस्त होता है, पर वो अपने पुलिस की नौकरी के कारण उसे गिरफ्तार कर लेता है। लेकिन इससे पृथ्वी दुःखी हो जाता है और उन दोनों की दोस्ती को खत्म भी कर देता है। वो जेल से भाग जाता है और पन्ना सिंह के गैंग का हिस्सा बन कर डाकू पृथ्वी सिंह बन जाता है। उसके परिवार में बस उसकी बेटी, चंदा ही बचे रहती है, जिसे उसके घर में काम करने वाली काकी और उसका बेटा, हिम्मत (गुलशन ग्रोवर) पालते रहते हैं।

वहीं इंस्पेक्टर सूरज सिंह अपने बेटे, आकाश के साथ रहता है। कई सालों के बाद शिक्षित आकाश (सलमान ख़ान) की मुलाक़ात अशिक्षित चंदा (आयशा जुल्का) से होती है, दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। जब ये बात उनके पिता को चलती है तो वे दोनों, उन दोनों का घर से निकलना बंद कर देते हैं और शादी कहीं और तय कर देते हैं।

आकाश और चंदा घर छोड़ कर भाग जाते हैं। वे दोनों इस बात से अनजान रहते हैं कि आगे उनके सामने और भी खतरे आने वाले हैं। पन्ना सिंह, जो पृथ्वी के पूरे परिवार वालों को मारना चाहते रहता है, वो अभी भी इसी काम को पूरा करना चाहते रहता है।

मुख्य कलाकार

संपादित करें

सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत आनंद-मिलिंद द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."ये धरती चाँद सितारे"उदित नारायण, अनुराधा पौडवाल10:59
2."बैठा नीली झील किनारे"सुरेश वाडकर, अनुराधा पौडवाल7:28
3."मोहब्बत को किसकी लगी"सुखविंदर सिंह4:24
4."दीवानों से पूछो मोहब्बत है"सुखविंदर सिंह5:24
5."आओ मैं पढ़ा दूँ तुम्हें"अभिजीत, सारिका कपूर8:24
6."मैं तुझ पे कुर्बान"मोहम्मद अज़ीज़6:19
7."एक दो दिन की जवानी है"सपना मुखर्जी3:35
  1. "Bday Special: जिसकी अदाओं का हर कोई था दीवाना, जानिए उस आयशा जुल्का की कहानी". नवोदय टाइम्स. 28 जुलाई 2018. Archived from the original on 10 जनवरी 2019. Retrieved 9 जनवरी 2019.

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें