कृष्ण चन्द्र डे
कृष्ण चंद्र डे या के. सी. डे (बांग्ला: কৃষ্ণ চন্দ্র দে) (1893-1962) एक बंगाली संगीतकार, संगीत निर्देशक, अभिनेता एवं संगीत शिक्षक थे, जिनका जन्म कलकत्ता में हुआ था। वे सचिन देव बर्मन के पहले संगीत शिक्षक एवं गुरु थे। 1906 में 13 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी आँखों की रोशनी खो दी और पूर्ण रूप से अन्धे हो गए। उन्होंने कई थिएटरओं के लिए काम किया और अन्त में कलकत्ता के न्यू थिएटरर्स के लिए काम किया। उन्हें उनके कीर्तनों के लिए जाना जाता है। उन्हें कलकत्ता के कई रईस परिवार गाने के लिए पैसे दिया करते थे। उन्होंने ज्यादातर सोवाबाजार की राजबाड़ी के जलसे, बीडन गली के मित्रा हाउस, आदि के लिए गाया। उन्होंने करीब 600 गाने रिकाॅर्ड किए जिनमें बंगाली, हिंदी, उर्दू, गुजराती गाने और 8 नातें (मुसलमान भक्ति गीत) शामिल हैं।
कृष्ण चन्द्र डे | |
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जन्म | 1893 |
मौत | कलकत्ता, पश्चिम बंगाल, भारत |
पेशा | संगीतकार, संगीत निर्देशक, अभिनेता, गायक एवं संगीत शिक्षक |
उन्होंने 1932 से 1946 तक फिल्मों के लिए संगीत दिया एवं गाया। उसी समय उन्होंने फिल्मों में अभिनय भी किया। 1942 में वे बम्बई चले गए। 1946 में जब उनके संगीत एवं गायन दोनों की गुणवत्ता में कमी होने लगी, उन्होंने फिल्में छोड़ दीं। उनकी मृत्यु कलकत्ता में 28 नवम्बर 1962 को हो गई।[1] मन्ना डे उनके भतीजे थे।
फिल्में
संपादित करेंअभिनेता
संपादित करें- भगवान श्रीकृष्ण चैतन्य (1954)
- प्रहलाद (1952)
- अनिर्बान (1948)
- दृष्टिदान (1948)
- पुराबी (1948)
- इंसान (1944)
- तमन्ना (1942)
- चाणक्य (1939)
- सपेरे (1939)
- सपूरे (1939)
- देशेर माटी (1938)
- धरती माता (1938)
- बिद्यापति (1937)
- विद्यापति (1937)
- देवदास (1936)
- गृहदाह (1936)
- मंजिल (1936)
- माया (1936/I)
- माया (1936/II)
- पुजारिन माया (1936)
- भाग्य चक्र (1935)
- देवदास (1935)
- धूप छाँव (1935)
- इंकलाब (1935)
- शहर का जादू (1934)
- नल दमयन्ती (1933)
- पूरन भगत (1933)
- साबित्री (1933)
- मीरा (1933)
- चण्डीदास (1932)
गायक
संपादित करें- भगवान श्रीकृष्ण चैतन्य (1954) (पार्श्व गायक)
- तमन्ना (1942)
- सपूरे (1939)
- धरती माता (1938)
- विद्यापति (1937)
- भाग्य चक्र (1935)
- देवदास (1935)
- चण्डीदास (1932)
संगीतकार
संपादित करें- पुराबी (1948)
- शकुंतला (1941)
- मिलाप (1937)
- अंबिकापथी (1937) (पार्श्व संगीत)
- बाघी सिपाही (1936)
- सोनार संसार (1936)
- सुनहरा संसार (1936)
- चंद्रगुप्त (1934)
- शहर का जादू (1934)