गजलक्ष्मी
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गजलक्ष्मी, लक्ष्मी के आठ रूपों (अष्टलक्ष्मी) में से एक हैं। गजलक्ष्मी को कमल पर विराजमान दिखाया जाता है, और उनके दोनों ओर गज होते हैं। उन्हें पद्मासन मुद्रा में बैठे हुए चार भुजाओं के साथ चित्रित किया जाता है।ऊपरी दो भुजाओं में वह कमल धारण करती है, और निचली भुजाएँ प्रायः अभयमुद्रा और वरदमुद्रा में दिखाई जाती हैं। दोनों हाथियों को देवी के ऊपर अपने सूंड़ से पानी डालते हुए दिखाया जाता है।[1] लक्ष्मी के अन्य रूपों की भांति गजलक्ष्मी धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्रतीक हैं। हिन्दू और बौद्ध दोनों के रूपांकनों में गजलक्ष्मी का चित्रण हुआ है।[2]
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भरहुत से प्राप्त गजलक्ष्मी की मूर्ति
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एक प्राचीन मुद्रा पर गजलक्ष्मी
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ओड़ीसा से प्राप्त गजलक्ष्मी
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राजा रवि वर्मा द्वारा चित्रित गजलक्ष्मी (1896)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Gaja Lakshmi, Goddess of Elephants | Ashtalakshmi Pooja – Rosebazaar India". hoovufresh.com. अभिगमन तिथि 2021-11-30.
- ↑ "Gaja Lakshmi - Avatar of the Divine Mother Lakshmi - Astroved Pedia". www.astroved.com. अभिगमन तिथि 2021-11-30.