गांधी हॉल, इन्दौर
महात्मा गांधी टाउन हॉल मध्य भारत के राज्य मध्य प्रदेश के नगर इन्दौर की एक ऐतिहासिक इमारत है। यह इमारत ब्रिटिश काल की है और तब समय बताने का कार्य भी करती थी और इसे घंटाघर भी कहते थे। इस इमारत में वर्ष पर्यन्त विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं।[1] इस इमारत का निर्माण १९०४ में किया गया था और तब इसका नाम किंग एडवर्ड हॉल रखा गया था। सन् १९४७ में भारत के स्वतंत्र होने के बाद इसका नाम गांधी हाल कर दिया गया। हॉल में बच्चों के लिए पार्क और एक पुस्तकालय भी है।
गांधी हॉल, इन्दौर | |
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गांधी हॉल, इन्दौर | |
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सामान्य जानकारी | |
स्थापत्य कला | इण्डो-गोथिक वास्तु शैली |
कस्बा या शहर | इन्दौर |
देश | भारत |
निर्देशांक | 22°43′13″N 75°51′53″E / 22.7201921°N 75.8647324°E |
पूर्ण | १९०४ |
लागत | तत्कालीन साढे छः करोड रुपये |
डिजाइन और निर्माण | |
ग्राहक | मध्य प्रदेश सरकार |
वास्तुकार | अंग्रेज वास्तुकार जे जे स्टीवेंसन |
इतिहास
संपादित करेंइस भवन का निर्माण अंग्रेज वास्तुकार स्टीवेंसन ने किया था। भवन के ऊपर राजपुताना शैली के घटक गुंबद और मीनारें हैं। इमारत सफेद सिवनी और पाटन के पत्थरों से इन्डो-गोथिक शैली में बनी है तथा आंतरिक सजावट प्लास्टर ऑफ पेरिस से की गयी है। इसके फर्श को काले और श्वेत संगमरमर से सुसज्जित किया गया है तथा इसमें बीच की मीनार आयताकार बनी है।[1] इस मीनार के ऊपरी भाग में चारों ओर एक एक घड़ी लगी है। ये घडियां इतनी बडी हैं कि दूर से ही दिखाई देती हैं, और इसी कारण से इसे घंटाघर भी कहा जाता है। इसके निर्माण के समय इसकी लागत ढाई लाख रुपए थी।
भवन का उदघाटन नवंबर, १९०५ में प्रिंस ऑफ़ वेल्स (जार्ज पंचम) द्वारा भारत आगमन पर किया गया था।
चित्र दीर्घा
संपादित करें-
टाउन हाल का पोर्च
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घण्टाघर की घडी
पुनरोद्धार
संपादित करें११८ वर्ष पुराने भवन का जीर्णोद्धार कार्य मार्च २०१८ से आरम्भ हो गया है। इसके प्रथम चरण में पूरे भवन के बाहरी भाग को चमकाया जाएगा और भवन को वापस पुराना स्वरूप दिया जाएगा। यह कार्य लगभगग साढ़े छः करोड़ की लागत से होगा।[2]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ "महात्मा गांधी टाउन हाल, इन्दौर: पिक्चर, फ़ैक्ट्स, हिस्ट्री – Patrika.com". www.patrika.com. मूल से 16 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-06-16.
- ↑ "118 साल पुराने गांधी हाल का जीर्णोद्धार शुरू, जल्द नजर आएगा नए रूप में". dainikbhaskar. १३ मार्च २०१८. मूल से 16 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-06-16.