चाँदनी चौक दिल्ली का सबसे पुराना एवं सबसे व्यस्त क्षेत्र है। यह पुरानी दिल्ली के सबसे व्यस्त बाजारों में से एक है। चांदनी चौक पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। लाल किला स्मारक बाजार के भीतर स्थित है। यह १७ वीं शताब्दी में भारत के मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा बनाया गया था, और इसका डिजाइन उनकी बेटी जहांआरा द्वारा तैयार किया गया था। चांद की रोशनी को प्रतिबिंबित करने के लिए बाजार को नहरों द्वारा विभाजित किया गया था और यह भारत के सबसे बड़े थोक बाजारों में से एक बना हुआ है।[2][3]

चाँदनी चौक
बाजार
चांदनी चौक तथा गुरुद्वारा सीसगंज साहिब का दृश्य
चांदनी चौक तथा गुरुद्वारा सीसगंज साहिब का दृश्य
चाँदनी चौक is located in नई दिल्ली
चाँदनी चौक
चाँदनी चौक
दिल्ली में स्थिति
चाँदनी चौक is located in भारत
चाँदनी चौक
चाँदनी चौक
चाँदनी चौक (भारत)
निर्देशांक: 28°39′22″N 77°13′52″E / 28.656°N 77.231°E / 28.656; 77.231निर्देशांक: 28°39′22″N 77°13′52″E / 28.656°N 77.231°E / 28.656; 77.231
राष्ट्रभारत
प्रदेशदिल्ली
जिलामध्य दिल्ली
भाषाएँ
 • आधिकारिकहिंदी, पंजाबी
समय मण्डलआइएसटी (यूटीसी+५:३०)
पिन११० ००६[1]

स्थिति तथा विस्तार

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जमा मस्जिद से चांदनी चौक क्षेत्र का दृश्य
इसी बाजार के नाम पर आस पास के क्षेत्र को भी चांदनी चौक कहा जाता है।

चांदनी चौक पुरानी दिल्ली के मध्य में लाल किले के लाहौरी गेट से शुरू होकर फतेहपुरी मस्जिद तक विस्तृत है। इसी बाजार के नाम पर आस पास के क्षेत्र को भी चांदनी चौक कहा जाता है। एक नहर किसी समय में सड़क के बीच में बहती थी, और चौक के तालाब में जल भरा करती थी। आरंभिक कल में इसे तीन खंडों में बांटा गया था:[4]

  • लाहोरी गेट से चौक कोटवली (गुरुद्वारा शीश गंज के पास): शाही निवास के निकट, यह खंड उर्दू बाजार या शिविर बाजार भी कहा जाता था। उर्दू भाषा को इस बाजार से अपना नाम मिला। गालिब ने १८५७ के भारतीय विद्रोह और इसके बाद के विद्रोहों के दौरान इस बाजार के विनाश का उल्लेख किया है।
  • चौक कोटवली से चांदनी चौक: चांदनी चौक शब्द मूल रूप से इसी खंड को संदर्भित करता है, जिसमें एक तालाब स्थित था। इस खंड को मूल रूप से जोहरी बाजार कहा जाता था।
  • चांदनी चौक से फतेहपुरी मस्जिद: इसे फतेहपुरी बाजार कहा जाता था।
 
१८६३-६७ में चाँदनी चौक

बाजार का इतिहास राजधानी शाहजहानाबाद की स्थापना से शुरू होता है, जब सम्राट शाहजहां ने अपनी नई राजधानी के बगल में यमुना नदी के तट पर लाल किले की स्थापना की थी।

चांदनी चौक को १६५० ईस्वी में शाहजहां की पुत्री, राजकुमारी जहांआरा बेगम ने डिजाइन किया था। १,५६० दुकानों वाला यह बाजार मूल रूप से ४० गज चौड़ा और १,५२० गज लम्बा था।[5] बाजार आकृति में चौकोर था, तथा इसके केंद्र में एक ताल उपस्थित था, जो चांदनी रात में चमकता था, और इसी कारण बाजार का नाम चांदनी चौक पड़ा था।[6] सभी दुकानों को उस समय आधे चंद्रमा के आकार के पैटर्न में बनाया गया था, जो अब विलुप्त हो गया था। यह बाजार अपने चांदी के व्यापारियों के लिए प्रसिद्ध था, जिस कारण इसे "सिल्वर स्ट्रीट" के नाम से भी पहचाना गया है।[7]

चांदनी चौक एक समय में भारत का सबसे बड़ा बाजार था।[8] मुगल शाही जुलूस चांदनी चौक से गुजरते थे। १९०३ में दिल्ली दरबार के आयोजन के समय इस परंपरा को पुनर्स्थापित किया गया था। १८६३ में ब्रिटिश सरकार द्वारा चौक के पास दिल्ली टाउन हॉल बनाया गया था। चौक के तालाब को १९५० के दशक तक एक घंटाघर से प्रतिस्थापित कर दिया गया था। इसी कारण बाजार का केंद्र अभी भी घंटाघर के नाम से जाना जाता है।

१८४३ में चांदनी चौक पर सम्राट बहादुर शाह द्वितीय की जुलूस

प्रचलित लोकसंस्कृति में

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चांदनी चौक को कई फिल्मों में पुरानी दिल्ली की अभिन्न पहचान के रूप में दर्शाया गया है। २००१ की बॉलीवुड फिल्म कभी खुशी कभी गम में चांदनी चौक को प्रमुखता से दर्शाया गया था; यहां फिल्म की पात्र अंजलि (काजोल) और उनकी बहन पूजा (करीना कपूर) रहते थे। २००८ में अनिल कपूर, अनुराग सिन्हा, शेफाली छाया और अदिति शर्मा अभिनीत बॉलीवुड फिल्म ब्लैक एंड व्हाइट चांदनी चौक में सेट है। इसके बाद अगले ही वर्ष आयी दो अन्य फिल्में भी चांदनी चौक के आसपास केंद्रित थी; अक्षय कुमार, दीपिका पादुकोण, मिथुन चक्रवर्ती और रणवीर शौरी अभिनीत चाँदनी चौक टू चाइना, और अभिषेक बच्चन, सोनम कपूर, वहीदा रहमान, ओम पुरी, अतुल कुलकर्णी और दिव्या दत्ता अभिनीत दिल्ली - ६। २०१७ से सब टीवी पर प्रसारित हो रहा टीवी कार्यक्रम जीजाजी छत पर हैं भी चांदनी चौक में ही सेट है।

  1. "चांदनी चौक का पिन कोड". मूल से 1 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 मई 2018.
  2. "Delhi - 100 years as the Capital". The Hindu. 1 February 2011. मूल से 18 जून 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 मई 2018.
  3. "Pin Code of Chandni Chowk Delhi". citypincode.in. मूल से 1 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 March 2014.
  4. Encyclopaedic Survey of Islamic Culture: Growth & Development By Mohamed Taher, Anmol Publications, 1998
  5. Blake, Stephen P. (1998). "Contributors to the urban Landscape: Women builders in Safavid Isfahan and Mughal Shahjahanabad". Women in the medieval Islamic world : Power, patronage, and piety. New York: St. Martin’s Press. पृ॰ 420. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0312224516. मूल से 19 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 मई 2018.
  6. "संग्रहीत प्रति". मूल से 21 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 मई 2018.
  7. I. Mohan: Delhi, Development and Change, APH Publishing, 2000, Chapter 8, p. 33-35 Archived 2018-04-27 at the वेबैक मशीन
  8. "संग्रहीत प्रति". मूल से 14 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 मई 2018.

विस्तृत पठन

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  • Delhi, the emperor's city: rediscovering Chandni Chowk and its environs, by Vijay Goel. Lustre Press, 2003. ISBN 81-7436-240-1.

बाहरी कड़ियाँ

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