चालबाज़ (1989 फ़िल्म)
चालबाज़ 1989 में बनी हिन्दी भाषा की कॉमेडी फ़िल्म है। राजेश मजूमदार और कमलेश पांडे द्वारा लिखित पटकथा को पंकज पाराशर द्वारा निर्देशित किया गया है। फिल्म में श्री देवी मुख्य भूमिका में हैं। रजनीकांत, सनी देओल, अनुपम खेर, शक्ति कपूर, रोहिणी हट्टंगड़ी और अनु कपूर सहायक भूमिकाओं में हैं। काफी हद तक 1972 की फिल्म सीता और गीता पर आधारित यह फिल्म जन्म के समय बिछड़ी जुड़वाँ बहनों के इर्द-गिर्द घूमती है।[1]
चालबाज़ | |
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चालबाज़ का पोस्टर | |
निर्देशक | पंकज पाराशर |
लेखक |
राजेश मजूमदार कमलेश पांडे |
निर्माता | ए॰ पूर्णाचन्द्र राव |
अभिनेता |
सनी देओल, श्री देवी, रजनीकांत, अनुपम खेर, शक्ति कपूर, अनु कपूर, सईद जाफ़री, अरुणा ईरानी, रोहिणी हट्टंगड़ी, आफ़ताब शिवदेसानी |
संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
प्रदर्शन तिथियाँ |
8 दिसम्बर, 1989 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंजुड़वाँ बहनों के रूप में जन्मी, अंजू और मंजू (दोनों श्री देवी) अपने मानसिक रूप से विकलांग नानी (अरुणा ईरानी) के कारण, जन्म के तुरंत बाद अलग हो जाती हैं। अंजू अपने चाचा त्रिभुवन (अनुपम खेर) और चाची अम्बा (रोहिणी हट्टंगड़ी) के पास पहुँच जाती है, जबकि मंजू को झुग्गी-बस्ती में पाला जाता है। उनके माता-पिता त्रिभुवन द्वारा एक कार दुर्घटना में मारे गए। हालाँकि, अपनी वसीयत में, वे घोषणा करते हैं कि जुड़वाँ बेटियों के 21 साल की हो जाने के बाद उनकी बेटियाँ उनकी संपत्ति को प्राप्त कर लेंगी। त्रिभुवन और अम्बा ने इसी कारण अंजू को आसानी से भयभीत होने वाली लड़की के रूप में पाला। उसे केवल इसलिए जीवित रखा जा रहा है ताकि वह संपत्ति उनके नाम कर सकें। घर का नौकर दद्दू (अनु कपूर), अंजू का छोटा भाई राजा (आफ़ताब शिवदेसानी) और एक पालतू कुत्ता उसकी दुर्दशा से सहानुभूति रखते हैं।
दूसरी ओर, मंजू झुग्गी में पलती-बढ़ती है। वह अपने पड़ोसी और टैक्सी ड्राइवर जग्गू (रजनीकांत) के साथ बचपन की दोस्त है। एक दिन मंजू विश्वनाथ (सईद जाफ़री) के बेटे सूरज (सनी देओल) से मिलती है। सूरज जल्द ही उसे पसंद करने लगता है। सूरज जब विश्वनाथ को मंजू की तस्वीर दिखाता है, तो वह शादी के लिये सहमत हो जाता है। उन्हें लगता है कि वह अंजू है। जब वे अपने प्रस्ताव के साथ त्रिभुवन के घर पर जाते हैं, तो अंजू सूरज को पहचान नहीं पाती है और उसे एक दौरा पड़ता है (अम्बा द्वारा उसे दिए गए इंजेक्शन के कारण)।
त्रिभुवन और अम्बा अंजू की शादी अम्बा के भाई बटुकनाथ लल्लनप्रसाद मालपनी उर्फ बलमा (शक्ति कपूर) से करवाना चाहते हैं। वे बलमा को अपने साथ रहने के लिए कहते हैं, जो जल्द ही अंजू को परेशान करना शुरू कर देता है। अब अंजू घर से भाग जाती है। तब उसे अजनबियों द्वारा परेशान किया जाता है, जब तक कि उसे सूरज द्वारा बचाया नहीं जाता। उसी दिन, मंजू का जग्गू से झगड़ा हो जाता है और वह अपने रास्ते पर निकल पड़ती है। जबकि दोनों कभी नहीं मिली हैं, वे स्थानों का आदान-प्रदान कर लेती हैं (अनजाने में)। इस प्रकार, घायल सूरज को मंजू द्वारा अंजू के घर लाया जाता है, जबकि अंजू, मंजू की झुग्गी में पहुँच जाती है।
मंजू आसानी से त्रिभुवन, अमबाऔर बलमा पर नियंत्रण कर लेती है। इस बीच, अंजू, जग्गू के करीब होने लगती है, जो बदले में नई "मंजू" को पसंद करने लगता है। वह उसे शादी का प्रस्ताव देता है, जिसे वह मान लेती है। सूरज, अंजू को जग्गू के साथ देखता है और सोचता है कि मंजू उसे धोखा दे रही है और उसके साथ रिश्ता तोड़ देता है। दोनों बहनें अपने दिन आराम से काट रही होती हैं। लेकिन एक दिन बलमा, अंजू को मंजू के घर पर देख लेता है और यह जान जाता है कि उनके घर में उसकी जुड़वाँ बहन मंजू है। वह एक योजना तैयार करता है और अंजू का अपहरण कर लेता है। वह उसे अलीबाग स्थित बंगले में ले जाता है। जग्गू के दोस्तों में से एक बलमा को त्रिभुवन से फोन पर बात करते हुए देख लेता है और मंजू, जग्गू और सूरज को सूचित करता है। वह लोग अंत में समझ जाते हैं कि क्या हो रहा है। वे उस बंगले में पहुँचते हैं जहाँ त्रिभुवन अंजू को जहर पीने के लिए मजबूर करता हैं और उनके नानी भी बंदी होती हैं। मंजू, जग्गू और सूरज त्रिभुवन के गुंडों से लड़ते हैं और अंजू को बचाते हैं। उसे अस्पताल ले जाया जाता है और वह बच जाती है। अंत में, जग्गू, अंजू से शादी कर लेता है और सूरज, मंजू के साथ हो जाता है और वे खुशी से रहते हैं। दोनों के जुड़वाँ बच्चे होते हैं।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- सनी देओल — सूरज
- श्री देवी — अंजु और मंजु दास
- रजनीकांत — जग्गू
- अनुपम खेर — त्रिभुवन दास
- शक्ति कपूर — बतुकनाथ लल्लन मालपानी उर्फ़ बलमा
- अनु कपूर — दयाल
- सईद जाफ़री — विश्वनाथ
- अरुणा ईरानी — मंजु की माँ
- रोहिणी हट्टंगड़ी — अम्बा
- आफ़ताब शिवदेसानी — राजू
- कादर ख़ान — अंधा भिखारी
- जॉनी लीवर — तांत्रिक जॉनी बाबा
संगीत
संपादित करेंसभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "ना जाने कहाँ से" | कविता कृष्णमूर्ति, अमित कुमार | 6:10 |
2. | "नाम मेरा प्रेमकली" | कविता कृष्णमूर्ति | 5:25 |
3. | "गड़बड़ हो गई" | अमित कुमार, कविता कृष्णमूर्ति, जॉली मुखर्जी | 5:32 |
4. | "ओ भूत राजा" | कविता कृष्णमूर्ति, सुदेश भोंसले, जॉनी लीवर | 6:38 |
5. | "तेरा बीमार मेरा दिल" | मोहम्मद अज़ीज़, कविता कृष्णमूर्ति | 7:14 |
6. | "डांस संगीत" (वाद्य रचना) | N/A | 2:24 |
7. | "तांडव संगीत" (वाद्य रचना) | N/A | 2:24 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंप्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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श्री देवी | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | जीत |
सरोज ख़ान ("ना जाने कहाँ से") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ नृत्य संयोजन पुरस्कार | जीत | |
कविता कृष्णमूर्ति ("ना जाने कहाँ से") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | नामित |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "B'DAY SPL: फिल्मों की खातिर श्रीदेवी बनीं तमिलनाडु की श्री अम्मा यंगर अय्यपन". हिन्दुस्तान लाइव. 13 अगस्त 2018. मूल से 1 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 फरवरी 2019.jug