चोगोलीसा पाक अधिकृत कश्मीर के बल्तिस्तान क्षेत्र में स्थित काराकोरम पर्वतों के माशेरब्रुम पर्वत समूह का एक ऊँचा पर्वत है। माशेरब्रुम समूह बाल्तोरो हिमानी से दक्षिण में स्थित है। इस पर्वत के कई शिखर हैं, जिनमें दक्षिण-पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी मुख्य हैं। इसके दक्षिण-पश्चिमी मुख वाला शिखर, जिसे चोगोलीसा-१ (Chogolisa I) भी कहते हैं, सबसे ऊँचा है और ७,६६५ मीटर (२५,१४८ फ़ुट) की बुलंदी रखता है। इसका दूसरा सबसे ऊँचा मुख पूर्वोत्तर वाला है, जिसे चोगोलीसा-२ (Chogolisa II) भी कहते हैं और जिसकी ऊँचाई ७,६५४ मीटर है। मार्टिन कॉनवे ने सन् १८९२ में चोगोलीसा-२ को दुल्हन पर्वत (Bride Peak) का नाम भी दिया था।

चोगोलीसा
Chogolisa
के२ के 'कंधे' से चोगोलीसा का नज़ारा
उच्चतम बिंदु
ऊँचाई7,665 मी॰ (25,148 फीट) [1]
उदग्रता1,624 मी॰ (5,328 फीट) [2]
सूचीयनदुनिया का ३६वाँ सबसे ऊँचा पर्वत
निर्देशांक35°36′51″N 76°34′45″E / 35.61417°N 76.57917°E / 35.61417; 76.57917निर्देशांक: 35°36′51″N 76°34′45″E / 35.61417°N 76.57917°E / 35.61417; 76.57917[2]
भूगोल
मातृ श्रेणीकाराकोरम
आरोहण
प्रथम आरोहण२ अगस्त १९७५ (चोगोलिसा-१)
१९५८ (चोगोलीसा-२)
सरलतम मार्गपत्थर व बर्फ़ की चढ़ाई

आरोहण इतिहास

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१९०९ में इटली के अब्रुत्ज़ी के ड्यूक (राजकुँवर) ने एक दस्ते का नेतृत्व किया जो ७,४९८ मीटर (२४,६०० फ़ुट) तक पहुँच गया। ख़राब मौसम से उन्हे रुकना पड़ा और वे किसी भी शिखर पर न पहुँच पाए, लेकिन वे उस समय के लिये पृथ्वी पर किसी भी मनुष्य के लिये सबसे ऊँचे स्थान पर पहुँचने का रिकॉर्ड स्थापित कर गए।[1] १९५७ में ऑस्ट्रिया के बुह्ल और डिऍमबर्गर ने जून २५ को चोगोलीसा पर चरण खेमे से चढ़ाई शुरु करी। ६,७०६ की ऊँचाई पर एक स्थान में उन्होने खेमा लगाया। २७ जून को बुरे मौसम की वजह से उन्होने पलटकर नीचे आना आरम्भ किया तो बुह्ल एक खाई में गिरकर ग़ायब हो गए। उनका शरीर कभी बरामद नहीं हुआ है। ९९५८ में जापान के क्योटो विश्वविद्यालय के फ़ूजीहीरा और हिराई नामक पर्वतारोही चोगोलीसा-१ पर चढ़ने में सफल हुए। २ अगस्त १९७५ को ऑस्ट्रिया के प्रॅसल और आमॅरर अधिक ऊँचे चोगोलीसा-१ पर विजय पा गए।[3]

इन्हें भी देखें

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  1. Chogolisa/Bride Peak, Everest News, Accessed 2004-01-03
  2. Karakoram and India/Pakistan Himalayas Ultra-Prominences, peaklist.org, access date 2010-08-05
  3. 1976 American Alpine Journal, American Alpine Club, pp. 537, The Mountaineers Books, 1997, ISBN 9781933056319, ... Because of its trapezoidal form, Chogolisa has two nearly equally high summits connected by a 3000-foot ridge. In 1958 the Japanese Fujihira and Hirai climbed to the northeast summit by the Buhl-Diemberger route ...