जलालाबाद (Jalalabad) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के शाहजहाँपुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है।[1][2]

जलालाबाद
Jalalabad
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जलालाबाद is located in उत्तर प्रदेश
जलालाबाद
जलालाबाद
उत्तर प्रदेश में स्थिति
निर्देशांक: 27°43′23″N 79°39′22″E / 27.723°N 79.656°E / 27.723; 79.656निर्देशांक: 27°43′23″N 79°39′22″E / 27.723°N 79.656°E / 27.723; 79.656
देश भारत
राज्यउत्तर प्रदेश
ज़िलाशाहजहाँपुर ज़िला
ऊँचाई133 मी (436 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुल38,202
भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)

विवरण संपादित करें

जलालाबाद की देखरेख यहाँ की नगरपालिका करती है। यह नगर तिलहर शहर के पास स्थित है।

इतिहास संपादित करें

१९८८ के शाहजहाँपुर डिस्ट्रिक्ट गजेटियर के पृष्ठ १२ पर दिये गये प्रमाणों के अनुसार जलालाबाद-स्थित जमदग्नि आश्रम तथा उससे आधे मील दूर रामताल के समीप परशुराम के मन्दिर में परशुराम का फरसा आज भी देखा जा सकता है।[3] इसी नगर का अति प्राचीन तिकोला देवी मन्दिर द्वापर कालीन बताया जाता है। प्रचलित जनश्रुति के अनुसार पाण्डवों ने अज्ञातवास के समय अपने कुछ दिन यहाँ पर रहकर बिताये थे।[4][5]

जनसांख्यिकी संपादित करें

भारत की 2011 जनगणना के अनुसार नगर की कुल जनसंख्या 38,202 थी, जिसमें से 20,212 पुरुष और 17,990 स्त्रियाँ थीं। यहाँ का साक्षरता दर 68.18% था, जो राज्य औसत 67.68% से ज़रा ऊँचा था। पुरुषों में यह दर 74.62% और स्त्रियों में 61.00% था। कुल जनसंख्या का 14.05% उन बच्चों का था जो 6 वर्ष से कम आयु के थे।

व्यापारिक सम्भावनायें संपादित करें

लखनऊ, कानपुर तथा बरेली महानगरों के मध्य बसे होने के कारण यह नगर पश्चिमी व पूर्वी उत्तर प्रदेश को सडक मार्ग से सीधा जोडता है। समीपवर्ती शहर फर्रुखाबाद होने से इसका महत्त्व और भी बढ जाता है क्योंकि फर्रुखाबाद में आलू की उपज प्रचुर मात्रा में होती है। यदि यहाँ पर मेगा फूड पार्क स्थापित हो जाये तो किसानों की मौज आ जाये। गेहूँचावल के अतिरिक्त आमअमरूद के उत्पादन का सीधा लाभ उन्हें मिल सकता है।

प्रमुख मन्दिर व ऐतिहासिक स्थल संपादित करें

 
भगवान परशुराम का एक पौरोणिक चित्र (अपने फरसे के साथ)

हिन्दू मान्यता के अनुसार यह नगर भगवान परशुराम की जन्मस्थली है। यहाँ स्थित उनके पिता महर्षि जमदग्नि आश्रम के निकट बनी रेणुका कुटी में उनका जन्म हुआ था ऐसा कहा जाता है। इसी कारण कुछ विद्वान इसे परशुराम पुरी के नाम से भी सम्बोधित करने लगे हैं। बहरहाल यहाँ के कुछ प्रमुख मन्दिर व ऐतिहासिक स्थल इस प्रकार हैं:.

मस्जिदें व दरगाह संपादित करें

  • हजरत निजामशाह दरगाह
  • जामा मस्जिद यूसुफ ताल
  • चौपालवाली मस्जिद यूसुफ जई
  • शहीद अहमदयार खाँ की मजार रामताल रोड

नदियाँ संपादित करें

गंगा, रामगंगा, बैगुल एवं खदरी - यह चार नदियाँ इसके भौगोलिक क्षेत्र से होकर गुजरती हैं।

पेट्रोल पम्प संपादित करें

यहाँ पर भारतीय तेल कम्पनी इण्डियन आयल के तीन तथा बहुराष्ट्रीय कम्पनी एस्सार का एक अधिकृत पेट्रोल पम्प है। 1) Mohan filing station, Gunara Mod 2) Kanti filing station, Baraily Road 3) Kargil shahid Ramesh chandra filing station

ऐतिहासिक कालेज संपादित करें

सुप्रसिद्ध कांग्रेसी नेता व स्वतन्त्रता सेनानी प्रेमकृष्ण खन्ना ने अपने घनिष्ठ मित्र और क्रान्तिकारी आन्दोलन के सूत्रधार पं० राम प्रसाद 'बिस्मिल' के विचारों से प्रेरणा प्राप्त कर आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लिया और अपने जनपदीय कार्यक्षेत्र शाहजहाँपुर में आधा दर्जन प्रकल्प[6] खडे कर दिये जिनमें सबसे पहला प्रकल्प - काकोरी शहीद इण्टर कालेज जलालाबाद इसी नगर में स्थापित हुआ था।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सम्बन्धित पाठन संपादित करें

  • डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा स्वतन्त्रता आन्दोलन में जनपद शाहजहाँपुर का योगदान १९९५ शहीदे-आजम पं० रामप्रसाद बिस्मिल ट्रस्ट शाहजहाँपुर २४२००१ (उ०प्र०)
  • स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारी साहित्य का इतिहास, मदनलाल वर्मा 'क्रान्त', २००६,नई दिल्ली (भारत), प्रवीण प्रकाशन, ISBN 81-7783-122-4 (पूरा सेट)

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
  2. "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975
  3. डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा स्वतन्त्रता आन्दोलन में जनपद शाहजहाँपुर का योगदान पृष्ठ ३
  4. डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा स्वतन्त्रता आन्दोलन में जनपद शाहजहाँपुर का योगदान पृष्ठ २
  5. डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा स्वतन्त्रता आन्दोलन में जनपद शाहजहाँपुर का योगदान पृष्ठ ४
  6. स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारी साहित्य का इतिहास (भाग-एक) पृष्ठ २२७