ज़मीर (2005 फ़िल्म)

2005 की हिन्दी फ़िल्म

ज़मीर 2005 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसमें अजय देवगन, अमीषा पटेल और महिमा चौधरी हैं। इस फिल्म का निर्देशन मलयालम सिनेमा के कमल ने किया था और यह मलयालम फिल्म मझयेथम मुनपे की रीमेक है। यह 2001 में फिल्माना शुरू हुई थी और इसे जारी होने में लगभग 5 वर्षों की देरी हुई। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही।[1]

ज़मीर

ज़मीर का पोस्टर
निर्देशक कमल
लेखक श्रीनिवासन
संजय मासूम (संवाद)
निर्माता नितिन राज आर्यदत्त
अभिनेता अजय देवगन,
अमीषा पटेल,
महिमा चौधरी
संगीतकार जतिन-ललित
निखिल-विनय
प्रदर्शन तिथियाँ
4 मार्च, 2005
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

फिल्म की शुरुआत कोलकाता से होती है। सूरज (अजय देवगन) गुमनामी की जिंदगी जी रहा है। लेकिन उसका दोस्त और विश्वासपात्र दिलदार (शक्ति कपूर) उसे वापस लौटने के लिए मना लेता है। फिर कहानी पीछे जाती है, सूरज एक महिला कॉलेज में रसायन विज्ञान का प्रोफेसर है। उसकी छात्रों में से एक, पूजा (अमीषा पटेल), एक बिगड़ैल लड़की है जो कक्षा में शरारतें करती रहती है। लेकिन सूरज का दिल सुप्रिया (महिमा चौधरी) के लिए धड़कता है। उसे पैरालिसिस का अटैक आया है और उसका आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस बीच, पूजा सूरज को परेशान करना जारी रखती है - घर पर, कॉलेज में, यहाँ तक कि दिलदार की शादी की सालगिरह पर भी। कहानी में मोड़ तब आता है जब सुप्रिया के पिता सूरज को बताते हैं कि सुप्रिया बिना किसी सहारे के चलने लगी है। इस बीच, पूजा ब्रेन ट्यूमर होने का बहाना बनाकर सूरज के साथ मजाक करती है। इससे सूरज क्रोधित हो जाता है। लेकिन पूजा को उससे प्यार हो गया है। पूजा अब खुलेआम सूरज से प्यार का इज़हार करती है। किसी भी प्रकार के भ्रम को दूर करने के लिए, सूरज पूजा और उसके दोस्तों के सामने सुप्रिया को अपने प्यार के रूप में मिलवाता है। पूजा इसे अपना अपमान मानती है और समझने से इंकार करती है। पूजा कॉलेज छोड़ने का फैसला करती है और इसके लिए सुप्रिया को दोषी ठहराती है। फिर वो सुप्रिया के पास जाती है और उससे झूठ बोलती है कि सूरज उसके लकवाग्रस्त होने पे उसके साथ बस सहानुभूति रखता है।

अपने पिता के आग्रह पर, पूजा फिर से अपने कॉलेज में शामिल हो जाती है। वहां, उसे पता चलता है कि सुप्रिया को मानसिक आघात लगने के कारण फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस स्तर पर, सुप्रिया सूरज के साथ अपनी सगाई तोड़ने का फैसला करती है और उससे पूजा से शादी करने का अनुरोध करती है।सुप्रिया के पिता (कुलभूषण खरबंदा) भी चाहते हैं कि वे शादी कर लें, क्योंकि सुप्रिया यही चाहती है। थोड़ी सी हिचकिचाहट के बाद सूरज पूजा से शादी कर लेता है। लेकिन शादी के बाद, सुप्रिया के साथ अन्याय करने का अपराधबोध पूजा को अवसाद में ले जाता है। पूजा ने सुप्रिया के प्रति अपना स्वार्थी रवैया स्वीकार करती है। इस बिंदु पर सुप्रिया के पिता भड़क जाते हैं और पूजा को बहुत सुनाते हैं। इसी समय सूरज अंदर आता है और उसे सच्चाई का पता चल जाता है और वह पूजा को छोड़कर चला जाता है। पांच साल बाद सूरज को पता चलता है कि पूजा ने आत्महत्या कर ली है। लेकिन खुद को मारने से पहले पूजा ने एक बच्ची को जन्म दिया था। उसकी मां अब सुप्रिया है, जो पूरी तरह से ठीक हो चुकी है। सूरज पूजा को माफ कर देता है और सुप्रिया और उसकी बेटी के साथ मिल जाता है। उसका नाम सुप्रिया ने पूजा ही रखा है।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

क्र॰शीर्षकगीतकारसंगीतकारगायकअवधि
1."तुम कितने बेचैन हो"समीरनिखिल-विनयसोनू निगम, अनुराधा पौडवाल7:32
2."दिल के बदले दिल तो"समीरनिखिल-विनयबाबुल सुप्रियो, श्रेया घोषाल5:34
3."परदेसी परदेसी"समीरजतिन-ललितकुमार सानु, अलका यागनिक, सपना अवस्थी4:51
4."ज़िन्दगी के फैसले में"इसरार अंसारीजतिन-ललितउदित नारायण4:25
5."तेरे प्यार ने दीवाना"समीरजतिन-ललितअलका यागनिक, बाबुल सुप्रियो5:58
6."दिल ये दुआ दे"समीरजतिन-ललितउदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति4:50
7."कम नहीं किसी से"समीरजतिन-ललितकविता कृष्णमूर्ति3:54

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "अमीषा पटेल की इन फिल्मों ने मेकर्स को किया कंगाल!". 21 फरवरी 2023. अभिगमन तिथि 30 मार्च 2024.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें