जानवर (1965 फिल्म)
जानवर एक भारतीय हिन्दी फिल्म है, जिसका निर्माण हरदीप ने और निर्देशन का काम बप्पी सोनी ने किया था। इस फिल्म में शम्मी कपूर, राजेंदरनाथ, राजश्री और असित सेन हैं।[1] इस फिल्म को सिनेमाघरों में 1 जनवरी 1965 को दिखाया गया था।
जानवर | |
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जानवर का पोस्टर | |
निर्देशक | बप्पी सोनी |
लेखक | बप्पी सोनी (संवाद) |
पटकथा | सचिन भौमिक |
कहानी | सचिन भौमिक |
निर्माता | हरदीप |
अभिनेता |
शम्मी कपूर राजश्री |
छायाकार | तारू दत्त |
संपादक | विष्णु कुमार सिंह |
संगीतकार | शंकर-जयकिशन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
1 जनवरी, 1965 |
लम्बाई |
मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
कहानी
संपादित करेंश्रीवास्तव बहुत अमीर होता है, जो अपनी बीवी और दो बच्चों, महेंद्र और सुंदर के साथ रहता है। वो अपने दोनों बच्चों की शादी अपने ही जैसे किसी अमीर खानदान की लड़कियों से कराने की सोचता है। जबकि महेंद्र को सीमा नाम की एक गरीब लड़की से प्यार हो जाता है, जो अपनी सौतेली माँ के साथ रहती है। सीमा के गरीब होने के कारण उसका परिवार उसे बहू के रूप में स्वीकार नहीं करता, और कोई भी हल न निकल पाने की वजह से महेंद्र शराब पीने लगता है और कोठे में बहार नाम की वैश्या के साथ रहने लगता है।
वहीं श्रीनगर में अपनी छुट्टियाँ बिताते हुए सुंदर की मुलाक़ात सपना से होती है। सपना भी एक गरीब परिवार से होती है। दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। छुट्टियों के खत्म होने के बाद सुंदर अपने घर आ जाता है और घर में आने के बाद उसे पता चलता है कि उसकी भाभी को घर से बेइज्जत कर के निकाल दिया गया है। वो अपनी भाभी से मिलता है और बात करते हुए ही फोन आता है, जिसमें उसका मैनेजर उसे उसके भाई के मिलने की बात बताता है। मैनेजर उसे कोठे तक ले जाता है, और सुन्दर अपने भाई का हाल देख कर हैरान रह जाता है। वो उसे समझाने की कोशिश करता है कि वो सही नहीं कर रहा है, पर उसका भाई उसकी एक भी नहीं सुनता है।
जब सुन्दर कोठे से बाहर निकल कर भाभी के पास आने के लिए निकलता है तभी सपना उसे टैक्सी में बैठते हुए देख लेती है, वो उसे आवाज भी देती है पर सुन्दर नहीं सुनता है। इसी बीच एक और गाड़ी सपना को ठोक देता है। सपना को अस्पताल ले जाया जाता है।
वहीं सुन्दर अपनी भाभी से मिलता है और ये बात बता ही रहा होता है कि वो बेहोश हो जाती है। सुन्दर उसे उसी अस्पताल में लाता है, जिस अस्पताल में सपना भर्ती है। सपना को उसके खराब सेहत को देखते हुए बोलने से भी मना किए रहता है। तभी वहाँ सुन्दर अपनी भाभी के साथ आता है और डॉक्टर उन्हें बधाई देता है कि वो बाप बनने वाला है। ये बात सपना सुन लेती है।
सुन्दर अपने भैया और भाभी को एक करने के लिए उस वैश्या के कोठे में हुलिया बदल कर जाता है। वहाँ वो उसे पैसों का लालच देता है और वो लालच में आ कर उसके लिए नाचने लगती है। इसी बीच महेन्द्र आ जाता है और इसके बाद महेन्द्र और उस वैश्या के बीच बहस हो जाती है और इसी बहस में वो बोल देती है कि इसने बहुत पैसे दिये थे। महेन्द्र को समझ आ जाता है कि उसने बहुत बड़ी गलती कर दी है। सुन्दर अपने असली हुलिये में आता है। इसके बाद सीमा और महेन्द्र वापस मिल जाते हैं।
श्रीवास्तव अपने वर्षों पुराने नौकर के ऊपर गुस्सा होते हुए उसके खानदान को लेकर कई चीजें बोलता है और उसका नौकर भी गुस्से में आ कर उसे पचास साल पुरानी सच्चाई बताता है कि वो जिस खानदान का होने के कारण इतना अभिमान दिखा रहा है, वो उस खानदान का है ही नहीं, बल्कि उसे गोद लिया गया था। ये सच्चाई जान कर उसे दिल का दौरा पड़ जाता है, और जब उसे होश आता है तो उसका दिमाग ठिकाने आ जाता है।
वो महेन्द्र की बीवी को अपनी बहू के रूप में स्वीकार कर लेता है और सुन्दर को बताता है कि सपना जीवित है और उसने एक पत्र भी लिखा था। सुन्दर ये बात जान कर सपना को लेने दौड़ पड़ता है।
अस्पताल में जाने के बाद वहाँ के डॉक्टर से उसे पता चलता है कि जिस दिन वो अपनी भाभी को वहाँ लाया था उस दिन सपना भी वहीं थी, और सपना को गलतफहमी हो गई थी कि वो उसकी भाभी नहीं, बल्कि बीवी है और सुन्दर पिता बनने वाला है। उसे ये भी पता चलता है कि वो विमान से हमेशा के लिए देश छोड़ कर जाने वाली है।
सुन्दर टैक्सी से हवाई अड्डे की ओर जाने लगता है। बीच रास्ते में तेजी से गाड़ी चलाने के कारण पुलिस अफसर उस टैक्सी को रोक लेता है। जब सुन्दर अपनी बात उसे बताता है तो वो उसे फोन करने बोलता है। वो हवाई अड्डे में फोन लगा कर सपना को बुलवाने बोलता है और उसे फोन पर ही सारी गलतफहमियों के बारे में बता देता है। पर सपना कोई जवाब दिये बिना ही फोन रख देती है। जैसे-तैसे सुन्दर हवाई अड्डे आता है, पर तब तक विमान उड़ चुका होता है, पर सपना वहीं रहती है और उन दोनों के मिलते साथ कहानी समाप्त हो जाती है।
कलाकार
संपादित करें- शम्मी कपूर — सुंदर श्रीवास्तव
- राजश्री — सपना
- रहमान — महेन्द्र श्रीवास्तव
- श्यामा — सीमा श्रीवास्तव
- राजेन्द्र नाथ — चिंटू
- पृथ्वीराज कपूर — श्रीवास्तव
- अचला सचदेव — श्रीवास्तव, सुंदर और महेंद्र की माँ
- असित सेन — ज्ञानप्रसाद
- माधवी - राधा
- शुभा
- मनोरमा — सीमा की सौतेली माँ
- ब्रह्म भारद्वाज — डॉक्टर
- कृशन धवन — नौकर
- मनमोहन — ट्रेफिक पुलिस
संगीत
संपादित करेंसभी शंकर-जयकिशन द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "मेरे संग गा गुनगुना" | हसरत जयपुरी | सुमन कल्याणपुर | 3:29 |
2. | "देखों अब तो किसी को" | शैलेन्द्र | मोहम्मद रफी, आशा भोंसले, बलबीर | 3:32 |
3. | "आँखों आँखों में" | शैलेन्द्र | लता मंगेशकर, आशा भोंसले | 3:32 |
4. | "लाल छड़ी मैदान खड़ी" | शैलेन्द्र | मोहम्मद रफी, लता मंगेश्कर | 4:14 |
5. | "तुमसे अच्छा कौन है" | हसरत जयपुरी | मोहम्मद रफी | 3:39 |
6. | "मेरी मोहब्बत जवान रहेगी" | हसरत जयपुरी | मोहम्मद रफी | 3:37 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "शम्मी कपूर के जन्मदिन पर जानिए ये 10 खास बातें". आज तक. 21 अक्टूबर 2016. मूल से 25 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 नवम्बर 2018.