झील के उस पार
झील के उस पार 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसे बप्पी सोनी द्वारा निर्देशित किया गया। फिल्म में धर्मेन्द्र, मुमताज़, प्रेम चोपड़ा, इफ़्तेख़ार और उर्मिला भट्ट की भूमिका है। संगीत की रचना आर॰ डी॰ बर्मन ने की है। फिल्म व्यावसायिक सफलता रही थी।
झील के उस पार | |
---|---|
झील के उस पार का पोस्टर | |
निर्देशक | बप्पी सोनी |
लेखक | गुलशन नन्दा |
निर्माता | बप्पी सोनी |
अभिनेता |
धर्मेन्द्र, मुमताज़, प्रेम चोपड़ा, इफ़्तेख़ार, उर्मिला भट्ट |
संगीतकार | आर॰ डी॰ बर्मन |
प्रदर्शन तिथि |
1973 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंकुलवंत राय की घोड़ा गाड़ी एक बच्चे के ऊपर से दौड़ती है और परिणामस्वरूप वह बच्ची अपनी दृष्टि खो देती है। सालों बाद वह बड़ी होकर नीलू (मुमताज़) नाम की खूबसूरत लड़की बनती है और कुलवंत राय का बेटा समीर (धर्मेन्द्र) उसे पसंद करने लगता है। यह कल्पना प्यार में बदल जाती है और वह उससे शादी करने का प्रस्ताव रखता है।
यह प्रस्ताव समीर की माँ, रानी माँ राय को अच्छा नहीं लगता है। वह चाहती हैं कि उसका बेटा जुगनू (योगिता बाली) से शादी करे जो उनके दीवान (इफ़्तेख़ार) की बेटी है। रानी माँ और जुगनू दोनों नीलू को अपमानित करते हैं। ताकि वह समीर को छोड़ दें। समीर की कोशिश नीलू को उसकी दृष्टि दिलाने की होती है। उसकी मुलाकात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. जे.पी. टंडन (शत्रुघ्न सिन्हा) से होती है। जब जुगनू को इस बारे में पता चलता है, तो वह एक कुटिल योजना बनाती है जिससे नीलू हमेशा के लिए रास्ते से हट जाए।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- धर्मेन्द्र ― समीर राय
- मुमताज़ ― नीलू
- प्रेम चोपड़ा ― प्रताप
- जूनियर महमूद ― चीकू
- रंजीत ― बलराज
- प्राण ― रसीला
- फर्याल ― माया
- अनवर हुसैन ― हरिया
- इफ़्तेख़ार ― दीवानजी
- उर्मिला भट्ट ― प्रभा देवी
- वीणा ― रानी मां
संगीत
संपादित करेंसभी गीत आनन्द बक्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
---|---|---|---|
1. | "बाबुल तेरे बाग़ान में बुलबुल" | लता मंगेशकर | 5:00 |
2. | "हाय बिछुआ डस गयो रे" | आशा भोंसले | 4:58 |
3. | "दो घूँट मुझे भी पीला दे" | लता मंगेशकर | 5:00 |
4. | "कह रहे हैं ये आँसू" | लता मंगेशकर | 4:14 |
5. | "चल चलें ऐ दिल" | लता मंगेशकर | 3:49 |
6. | "क्या नज़रें क्या सितारें" | किशोर कुमार | 5:00 |