तीन देवियाँ

हिन्दी भाषा में प्रदर्शित चलवित्र

तीन देवियाँ 1965 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह अमरजीत द्वारा निर्मित और निर्देशित है। फिल्म में देव आनन्द, नंदा, सिमी गरेवाल, कल्पना, आई एस जौहर और सुलोचना हैं। संगीत एस॰ डी॰ बर्मन का है और गीत मजरुह सुल्तानपुरी के हैं।

तीन देवियाँ
चित्र:तीन देवियाँ.jpg
तीन देवियाँ का पोस्टर
निर्देशक अमरजीत
पटकथा सचिन भौमिक
निर्माता अमरजीत
अभिनेता देव आनन्द,
नंदा,
सिमी गरेवाल,
कल्पना,
आई एस जौहर,
सुलोचना
संगीतकार एस॰ डी॰ बर्मन
प्रदर्शन तिथि
1965
देश भारत
भाषा हिन्दी

देवदत्त आनन्द (देव आनन्द) संगीत वाद्ययंत्र बेचने वाली एक कंपनी में अपने बॉस आई एस जौहर (आई एस जौहर) के लिये काम करता है। जब जौहर को पता चलता है कि देवदत्त में कविताएं लिखने की प्रतिभा है, तब वह देवदत्त को लिखने के लिए कहता है। यहां तक ​​कि उन कविताओं को प्रकाशित भी करवाता है। इससे देवदत्त सुर्खियों में आ जाता है और जौहर के कारोबार की बिक्री बढ़ जाती है। बेस्ट बस से घर की यात्रा करते समय वह नन्दा (नन्दा) से मिलता है और दोनों की दोस्ती हो जाती है।

एक रात देवदत्त बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री कल्पना (कल्पना) की सहायता करता है जब उसकी कार खराब हो जाती है। कल्पना को पता चलता है कि वह एक कवि है और फिर दोनों एक-दूसरे के प्रति आकर्षित हो जाते हैं। देवदत्त को सिमी उर्फ ​​राधा रानी (सिमी गरेवाल) नाम की एक धनी महिला से भी मुलाकात होती है। इनके महल में उसे पियानो सीखने के लिए कहा जाता है। वह भी देवदत्त की कविताओं से प्रभावित होती है और उसे एक पार्टी के लिए अपने घर पर आमंत्रित करती है। फिर वह भी एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं। यह अच्छी तरह से जानते हुए कि वह तीन महिलाओं से शादी नहीं कर सकता, देवदत्त को अब यह तय करना होगा कि वह अपने जीवन साथी के रूप में किसे चाहता है।

मुख्य कलाकार

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सभी गीत मजरुह सुल्तानपुरी द्वारा लिखित; सारा संगीत एस॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायनअवधि
1."कहीं बेख़्याल होकर"मोहम्मद रफ़ी6:10
2."ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीक़त"किशोर कुमार5:33
3."ऐसे तो ना देखों"मोहम्मद रफ़ी3:50
4."लिखा है तेरी आँखों में"लता मंगेशकर, किशोर कुमार4:15
5."अरे यार मेरी तुम भी हो गज़ब"किशोर कुमार, आशा भोंसले5:19
6."उफ़ कितनी ठंडी है ये रुत"लता मंगेशकर, किशोर कुमार3:20

बाहरी कड़ियाँ

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