तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध
(तीसरा एंग्लो मराठा युद्ध से अनुप्रेषित)
तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध (1817–1819), ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी और मराठा साम्राज्य के बीच सम्पन्न निर्णायक अन्तिम युद्ध था। इस युद्ध मे मराठा की तरफ से पेशवा बाजीरावII नेतृत्व कर रहे थे, परंतु उनकी अंग्रेजों के सामने न चल पाई और अंग्रेजों ने उन्हें 8 लाख की वार्षिक पेंशन पर कानपुर के निकट बिटटूर भेज दिया। ये मराठा के अंतिम पेशवा थे। उस समय लार्ड हेस्टिंग बंगाल के गवर्नर जनरल थे ।
तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध[1] | |||||||
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आंग्ल-मराठा युद्ध का भाग | |||||||
भारतीय शिविर दृश्य | |||||||
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योद्धा | |||||||
मराठा संघ * पेशवा बाजी राव II * मल्हार राव होल्कर III * मुधोजी द्वितीय भोंसले * दौलतराव शिंदे * विभिन्न पिंडारी |
ब्रिटिश साम्राज्य * ईस्ट इंडिया कंपनी * हैदराबाद प्रांत | ||||||
सेनानायक | |||||||
बापू गोखले (पेशवा बाजी राव II के जनरल) हरि राव होल्कर अप्पा साहेब भोंसले मल्हारराव होल्कर III त्र्यंबकजी डेंगल-पाटिलो |
फ्रांसिस रॉडन-हेस्टिंग्स जॉन मैल्कम थॉमस हिसलोप आसफ जाह III |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Maratha Wars". Britannica Encyclopædia.
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