तूर्यनाद
तूर्यनाद , मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल की राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा आयोजित किया जाने वाला राष्ट्र स्तरीय हिंदी महोत्सव [2] है, जिसका उद्देश्य राजभाषा हिंदी व भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार द्वारा देशवासियों में राष्ट्रगौरव व आत्मगौरव की भावना का विकास करना है। इसके अंतर्गत सितम्बर को हिंदी माह के रूप में मनाते हुए महाविद्यालयीन विद्यार्थियों हेतु अनेक राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिताएँ आयोजित होती हैं। तूर्यनाद, हिन्दी का औपचारिकता से परे जीवन में सम्मान के साथ उपयोग व् प्रचार-प्रसार करने का सन्देश देता है। देश भर से विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने गत 5 वर्षों से तूर्यनाद में प्रतिभागिता दर्ज करा आयोजकों को सबल किया है। राजभाषा कार्यान्वयन समिति- संविधान के अनुच्छेद 343(1) में देवनागरी लिपि में हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया। राजकीय प्रयोजनों के लिए हिंदी के प्रयोग में हुई प्रगति का पुनर्विलोकन करने के लिए राजभाषा कार्यान्वयन समिति का गठन राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 4 के तहत वर्ष 1963 में किया गया।
तूर्यनाद | |
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अवस्था | सक्रिय |
शैली | हिन्दी महोत्सव |
आवृत्ति | वार्षिक |
स्थल | मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल |
स्थान | भोपाल, मध्य प्रदेश, भारत |
निर्देशांक | 23°12′53″N 77°24′11″E / 23.214585°N 77.4029401°Eनिर्देशांक: 23°12′53″N 77°24′11″E / 23.214585°N 77.4029401°E |
उपस्थिति | Over 6,000 footfalls, 168 colleges[1] |
संयोजन कर्ता | राजभाषा कार्यान्वन समिति |
जालस्थल |
www |
फेसबुक पर तूर्यनाद |
इतिहास
संपादित करेंतूर्यनाद का प्रथम संस्करण सितम्बर 2012 में आयोजित किया गया था। इस संस्करण में रचनात्मक लेखन, तात्कालिक भाषण जैसी कुछ प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं।
- तूर्यनाद’12
कुल प्रतिभागी- 942 कुल प्रतिभागी महाविद्यालय- 16
- तूर्यनाद’13
कुल प्रतिभागी- 3163 कुल प्रतिभागी महाविद्यालय- 33
- तूर्यनाद’14
कुल प्रतिभागी- 4235 कुल प्रतिभागी महाविद्यालय- 51
- तूर्यनाद’15
कुल प्रतिभागी- 5086 कुल प्रतिभागी महाविद्यालय-95
- तूर्यनाद’16
कुल प्रतिभागी- 5430 कुल प्रतिभागी महाविद्यालय-168
- तूर्यनाद’17
इस वर्ष इस कार्यक्रम में हिंदी विकिमीडियन्स यूज़र ग्रुप (सदस्य दल) सह-आयोजक था। कुल प्रतिभागी- कुल प्रतिभागी महाविद्यालय-
राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा सितम्बर 2016 में राष्ट्र-स्तरीय हिन्दी महोत्सव “तूर्यनाद’16” का भव्य आयोजन किया गया।“तूर्यनाद” में विभिन्न संस्थान स्तरीय एवं अन्तर्महाविद्यालयीन प्रतियोगिताओं एवं कार्यशालाओं का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
1) तूर्यनाद’16 के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताएँ-
1.1) निहारिका:
तूर्यनाद’16 का उद्घोष करते हुए ऑनलाइन प्रतियोगिता“निहारिका - शब्दों का ताना-बाना”आयोजित की गयी। इसके अंतर्गत तूर्यनाद के पेज पर एक नया इवेंट बनाया गया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य तूर्यनाद को इन्टरनेट के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाना एवं लोगों की रचनात्मक लेखन कला को बढ़ावा देना था। निहारिका प्रतियोगिता 18 अगस्त को शुरू की गई जिसमें प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। प्रतियोगिता के अन्तर्गत पूछे गए प्रत्येक प्रश्न के उत्तर देने में आशातीत प्रतिक्रियाएँ प्राप्त हुई।
1.2) अतिथि व्याख्यान:
अतिथि व्याख्यान, एक तरह से संपूर्ण कार्यक्रम को प्रस्तावित करता है, जिसके द्वारा प्रतिभावान अतिथियों के सामाजिक, सांस्कृतिक और रचनात्मक विचारों से जुड़ने का मौका मिलता है।
निम्न अतिथियों ने आकर अपने उद्बोधन से श्रोताओं का मार्गदर्शन किया:
श्री मुकुल जी कानिटकर
स्व. श्री अनिल माधव जी दवे
परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
श्री मनोज जी श्रीवास्तव
श्री लाल सिंह जी आर्य
श्री जयभान सिंह जी पवैया
श्री विवेक अग्निहोत्री जी
1.3) तात्कालिक भाषण
वक्तव्य कला एक ऐसी विशेष कला होती है, जिससे कठिन से कठिन समस्या को सरल किया जा सकता है। बातें करने में तो कई लोग निपूर्ण होते हैं लेकिन किसी तत्कालीन विषय पर अत्यंत कम समय में बिना तैयारी के बोलकर अपने विचार दूसरों तक पहुँचाना एक असाधारण विशेषता होती है। यह विशेषता इंसान को समाज में महत्ता दिला सकती है। वक्तव्य कला से जुडी इस प्रतियोगिता में राष्ट्रीय, राजनीतिक और शैक्षणिक महत्व के कई विषय दिए जाते हैं, जिन पर प्रतिभागियों को एक निश्चित समय में अपने भाव प्रकट करने होते हैं।
1.4) खिचड़ी
‘अनेकता में एकता’, जो कि भारत की एक सांस्कृतिक विशेषता है। हमारा संस्थान भी इसी संस्कृति और परंपरा का वाहक है। अलग-अलग संस्कृति एवं विचारों के लोगों को साथ ले कर चलते हुए हिंदी के प्रचार प्रसार करने का एक अद्भुत उदाहरण है- तूर्यनाद की प्रतियोगिता,“खिचड़ी”। हिंदी एक ऐसी भाषा है जो की भिन्न-भिन्न संस्कृति के लोगों को एक सूत्र में बांधने का कार्य करती है, साथ-ही-साथ भारत की अखंडता को दर्शाती है।“खिचड़ी” का आयोजन “तूर्यनाद’16”के अन्तर्गत संस्थान में पढ़ने वाले हिंदीतरभाषी छात्र-छात्राओं को हिंदी के सूत्र में पिरोने के लिए किया गया।
1.5) भारत मंथन
हम सभी भारतीय नागरिक हैं। अतः हमें हमारी संस्कृति, इतिहास और साथ ही समसामयिक गतिविधियों से परिचित होना चाहिए। इसी विचार को ध्यान में रखते हुए संस्थान की राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा ‘तूर्यनाद’ के अंतर्गत अंतर्महाविद्यालयीन भारतमंथन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भारतमंथन एक प्रश्नमंच होता है।यह प्रश्नमंच न सिर्फ सामान्य ज्ञान व समसामयिक घटनाओं पर आधारित प्रश्नों पर आधारित था अपितु भारत के गौरव पूर्ण इतिहास, प्राचीनकाल में भारत, विज्ञान एवं खेल जगत में भारत की उपलब्धियां, भारत के महापुरुष आदि विषयों पर आधारित प्रश्नों से परिपूर्ण था। भारत मंथन में पूछे गये प्रश्न, भारत की संस्कृति को गौरवान्वित करने एवं भारतीय होने पर गर्व की अनुभूति कराने में सक्षम थे।
1.6) रचनात्मक लेखन
हम सभी लेखनी की ताकत से भलीभांति परिचित है। स्वतंत्रता की लड़ाई में भी इस लेखन कला का अभूतपूर्व योगदान रहा है। इसी विचार को ध्यान में रखते हुए ‘तूर्यनाद’ के अंतर्गत अन्तर्महाविद्यालयीन रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को हिन्दी में कुछ रचनात्मक लिखने और हिन्दी का अधिकतम उपयोग करने की प्रेरणा देना तथा उनमें छिपी रचनात्मकता को उभारना है।
1.7) अखिल भारतीय छात्र संसद
युवाओं की राजनीति में सहभागिता बढ़ाने के लिए तथा उन्हें देश की संसदीय कार्यप्रणाली से अवगत कराने के लिए ‘तूर्यनाद’ के अंतर्गत प्रतिवर्ष अखिल भारतीय छात्र संसदप्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है।छात्र संसद का आयोजन विद्यार्थियों की देश एवं समाज के प्रति विचारधारा मार्गदर्शित करने हेतु, विचारशीलता विकसित करने के लिए एवं उनके अंदर आत्मविश्वास जागृत करने हेतु किया जा रहा है। उनको राजनीति के असल पहलुओं से अवगत कराना तथा उनमें राजनीति के प्रति रूचि जागृत करना, छात्र संसद का एक मुख्य उद्देश्य है।
1.8) अखिल भारतीय संसदीय वाद-विवाद प्रतियोगिता
वाद-विवाद, संवादात्मक और प्रतिनिधित्ववादी तर्क की एक औपचारिक विधि है। यह तर्क का एक व्यापक रूप है, जो केवल स्वयंसिद्ध और तथ्यात्मक तर्क से स्थिरता की परख करता है। यह एक ऐसी कला है, जिसमें विवादकर्ता अपनी तार्किक स्थिरता, सटीकता और दर्शकों के साथ कुछ हद तक भावनात्मक अनुनय करता है। यह प्रतियोगिता प्रतिभागियों को अपनी तार्किक क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करती है।
1.9) अखिल भारतीय नुक्कड़ नाटक
“तूर्यनाद’16” में अखिल भारतीय नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।जिसका मुख्य उद्देश्य युवा वर्ग को समाज के ज्वलंत मुद्दों के प्रति न केवल जागरूक बनाना बल्कि उनको इन समस्यायों के प्रति कर्मठ, जबाबदेह व कर्तव्यपरायण बनाना है। “तूर्यनाद’16” में इस प्रतियोगिता ने दर्शकों को भरपूर मनोरंजन और रोमांच प्रदान करने के साथ प्रतिभागी दलों ने हमारे समाज की बुराइयों एवं समस्याओं तथा उनसे निपटने के तरीकों को अनोखे रूप में प्रस्तुत करके युवा वर्ग को प्रेरित करने का प्रशंसनीय कार्य किया।
1.10) समूह नृत्य
नृत्य मानवीय अभिव्यक्तियों का रसमय प्रदर्शन है। भारतीय संस्कृति और धर्मं आरंभ से ही नृत्यकला से जुड़े रहे हैं। यह एक ऐसी कला है, जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने विचारों को बिना एक भी शब्द कहे प्रकट कर सकता है। ‘तूर्यनाद’ के अंतर्गत अन्तर्महाविद्यालयीन समूह नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, जिसमें प्रतिभागी अनेक क्षेत्रीय व लोक नृत्यों पर अपनी प्रस्तुति देते हैं।
1.11) समूह गायन
गायन बोली का ही परिष्कृत रूप है। गायन एक ऐसी क्रिया है, जिसमें सुरों-तालों तथा रागों की सहायता से रसमय व मोहक संगीतमय ध्वनि उत्पन्न की जाती है। इस विचार को ध्यान में रखते हुए ‘तूर्यनाद’ के अंतर्गत समूह गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, जिसमें प्रतिभागियों की गायन के साथ ही संगीत-यन्त्र वादन कला को भी परखा जाता है।
1.12) अखिल भारतीय युवा कवि सम्मलेन
कवि सम्मलेन एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें विभिन्न धारा के कवि अपनी कविताओं का पाठ करते हैं। अतः कवि सम्मलेन साहित्य और मंच-कला का मिश्रण है। हमारा प्राचीन इतिहास अनेक कवियों की काव्य-गाथाओं से सराबोर रहा है। आधुनिक युवाओं को इस काव्य परंपरा से जोड़ने के लिए इस हिन्दी महोत्सव में कवि सम्मलेनप्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। यह प्रतियोगिता छात्रों को कविता-लेखन और कविता-पाठ के प्रति जागरूक करने का महत्वपूर्ण प्रयास है।
1.13) भारतीय परिधानिका
भारत संस्कृति से परिपूर्ण एवं सौदर्य सम्रद्ध देश है। यहाँ की भिन्न-भिन्न संस्कृतियाँ ही हमारे देश की पहचान हैं। इन सब संस्कृतियों एवं उनके सौन्दर्य को प्रदर्शित करता हैतूर्यनाद का आयोजन “परिधानिका”।परिधानिका अर्थात परिधान प्रस्तुति। इस प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभागियों द्वारा विभिन्न पोशाकें प्रदर्शित कर दर्शकों को भारतीय संस्कृति के विभिन्न प्रकार के पहनावों और परिधानों से परिचित कराया जाता है।सम्पूर्ण आयोजन भव्य एवं मनोरम रहा,आयोजन की सफलता ने ‘तूर्यनाद’ को नयी ऊँचाईयां प्रदान की।
1.14) चक्रव्यूह
चक्रव्यूह, एक तरह से प्रतिभागी की सामान्य इन्द्रियबोध-शक्ति व अभिक्षमता का परिक्षण होता है, जिसमें कुछ संकेतों की मदद से प्रतिभागी की अभिक्षमता को परखा जाता है। क्यूँ ना जीवन में आने वाली चुनौतियों का पूर्वाभ्यास किया जाए। एक बेहद मनोरंजक एवं रोचक ढंग से, इस व्यापक सोच को तूर्यनाद से जोड़कर “तूर्यनाद ‘16” लेकर आया “ट्रेज़र हंट” की तर्ज पर एक मनोरंजक प्रतियोगिता। प्रतियोगिता में संस्थान में स्थित विभिन्न स्थानों पर आधारित पहेलियों को भेद कर प्रतिभागियों ने अपनी कड़ी मेहनत, दृढ़ता, और सामान्य सूझ दो के समूह में प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर सकते थे। प्रतियोगिता में प्रत्येक समूह को शुरूआती पड़ाव में अगले पड़ाव से सम्बंधित पहेली दी गई जिसको बूझकर प्रतिभागी उस पड़ाव में पहुंचकर उसके अगले पड़ाव के लिए पहेली प्राप्त करता है और इसी क्रम में सभी पड़ावों को पारकर अंतिम आठवें पड़ाव में पहुँचने वाले समूह को विजेता घोषित किया।
1.15) सृजन
सृजनात्मकता एक ऐसी मानसिक संक्रिया है, जो भौतिक परिवर्तनों को जन्म देती है। यह किसी वस्तु, विचार, कला, साहित्य से सम्बध्द किसी समस्या का समाधान निकालने, आदि के क्षेत्र में कुछ नया रचने या अविष्कृत करने की प्रक्रिया है। प्रातिभागियों की सृजनात्मकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नवीन प्रतियोगिता सृजन का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत प्रतिभागी विभिन्न प्रकार की कलाओं जैसे- चित्रकारी, छायाकारी या अभिकल्पना इत्यादि द्वारा अपनी सृजनात्मकता प्रदर्शित कर सकते हैं।
3.2) “तूर्यनाद’16” अतिथि गण:
अतिथि/निर्णायक का नाम | परिचय | समारोह/प्रतियोगिता |
श्री मुकुल कानिटकर | राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री,
भारतीय शिक्षण मंडल |
उद्घाटन |
श्री मनोज जोशी एवं टीम | अभिनेता एवं रंगकर्मी | उद्घाटन |
स्व. श्री अनिल माधव दवे | पूर्वकेन्द्रीय राज्यमंत्री | छात्र संसद |
श्री मनोज श्रीवास्तव | प्रमुख सचिव, संस्कृति विभाग | व्याख्यान |
श्री लाल सिंह आर्य | राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) | कवि सम्मेलन |
श्री जयभान सिंह पवैया | उच्च शिक्षा मंत्रि. म.प्र. शासन | कवि सम्मेलन |
श्री बृजेश दुबे | विजेता, कौन बनेगा करोड़पति-2 | भारत मंथन |
श्री सीताशरण शर्मा | अध्यक्ष, म.प्र. विधानसभा | संसदीय वाद-विवाद |
श्री शिवेन्दु जोशी | क़ानूनी सलाहकार,
म.प्र. विधान सभा सचिवालय |
छात्र संसद |
श्री मुमताज़ खान | परिधान निर्माता | परिधानिका |
श्रीमति सुलेखा भट्ट | गायिका | समूह गायन |
श्रीमति अनुराधा सिंह | शास्त्रीय नर्तकी | समूह नृत्य |
चित्र दीर्घा
संपादित करें-
तूर्यनाद २०१६ कवि सम्मेलन
-
तूर्यनाद २०१६ कवि सम्मेलन
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- तूर्यनाद का जालघर
- मैनिट के हिंदी महोत्सव तूर्यनाद' (दैनिक भास्कर)
- मैनिट में तूर्यनाद -16 कार्यक्रम 10 सितंबर से[मृत कड़ियाँ] (विराट पोस्ट )
- टेक्नॉ फ्रेंड्ली तूर्यनाद' (पात्रिका )
- टाइम्स ऑफ इंडिया
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "तूर्यनाद'17". tooryanaad.org. मूल से 16 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-09-17.
- ↑ मैनिट के हिंदी महोत्सव तूर्यनाद