दहक
दहक 1999 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह एक रूमानी फिल्म है जिसका निर्देशन लतीफ़ बिन्नी ने किया है। इसमें अक्षय खन्ना एवमं सोनाली बेंद्रे मुख्य भूमिकाओं में हैं।[1] यह फ़िल्म टिकट खिड़की पर असफल रही थी।[2]
दहक | |
---|---|
दहक का पोस्टर | |
निर्देशक | लतीफ़ बिन्नी |
लेखक | जावेद सिद्दीक़ी (संवाद) |
पटकथा | केके रैना |
कहानी | लतीफ़ बिन्नी |
निर्माता | मिलन झावेरी |
अभिनेता |
अक्षय खन्ना, सोनाली बेंद्रे, डैनी डेन्जोंगपा |
संगीतकार |
आदेश श्रीवास्तव आनंद-मिलिंद |
प्रदर्शन तिथियाँ |
17 दिसंबर, 1999 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंजब्बार बक्शी (डैनी डेन्जोंगपा) बॉम्बे, भारत में बक्शी परिवार का सबसे बड़ा बेटा है। वह पूरे परिवार पर कठोरता से शासन करता है। उसकी बहन सबीना बक्शी है। उसे पता चलता है कि वह इकबाल के साथ रिश्ते में है। वह क्रोधित हो जाता है क्योंकि यह उसकी संस्कृति के खिलाफ है। सबीना और इकबाल भाग जाते हैं और शादी कर लेते हैं। जब्बार उनका पीछा करता है और तलवार से इकबाल की हत्या कर देता है। अपने भाई के हाथों इस क्रूरता से स्तब्ध होकर सबीना उसी तलवार से खुद को मार लेती है। जब्बार को बॉम्बे पुलिस गिरफ्तार कर लेती है और उसे बारह साल जेल की सजा सुनाई जाती है। सबीना की मौत से उनकी माँ तबाह हो जाती है और जब्बार को कभी भी माफ नहीं करने का फैसला करती है। बारह साल बाद, जब्बार घर लौटता है और पाता है कि उसके पिछले नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। वह जल्दी से अपना अधिकार फिर से जताता है, जबकि उसकी माँ उसका साथ देने से इनकार कर देती है।
जब्बार अपनी भतीजी नीलिमा बक्शी (सोनाली बेंद्रे) से मिलता है और उसमें सबीना की हूबहू छवि देखकर चौंक जाता है। उसे पता चलता है कि नीलिमा एक युवक के साथ रिश्ते में है। लेकिन नीलिमा डर के मारे इस बात से इनकार कर देती है। वह वास्तव में समीर रोशन (अक्षय खन्ना) के साथ रिश्ते में है। जब उसे पता चलता है कि उसकी बुआ के साथ क्या हुआ था तो वे भागने का फैसला करते हैं। जब जब्बार को यह पता चलता है तो वह क्रोधित हो जाता है। खासकर जब उसे पता चलता है कि समीर एक हिंदू है। वह उन दोनों को मारने की कसम खाता है। एक हिंदू लड़के और एक मुस्लिम लड़की के भाग जाने की खबर जंगल में आग की तरह फैल जाती है। हिंदू और मुस्लिम पक्षों के चरमपंथी तत्व इसमें शामिल हो जाते हैं। जब्बार फैसला करता है कि वह उन दोनों का शिकार करेगा और उन्हें मार डालेगा।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- अक्षय खन्ना — समीर
- सोनाली बेंद्रे — सबीना / नीलिमा
- डैनी डेन्जोंगपा — जब्बार
- दलीप ताहिल — भूषण रोशन, समीर के पिता
- अनंग देसाई — जावेद बक्शी, नीलिमा के पिता
- अचला सचदेव — श्रीमती बक्शी
- अंजना मुमताज़ — श्रीमती रोशन
- हिमानी शिवपुरी — श्रीमती बक्शी
संगीत
संपादित करेंक्र॰ | शीर्षक | गीतकार | संगीतकार | गायक | अवधि |
---|---|---|---|---|---|
1. | "हो गोरी आजा" | देव कोहली | आदेश श्रीवास्तव | विनोद राठौड़, सुनिधि चौहान, उदित नारायण, अलका यागनिक | 6:31 |
2. | "जब से तुम्हें" | श्याम राज | आदेश श्रीवास्तव | उदित नारायण, अनुराधा पौडवाल | 5:29 |
3. | "कहा करे कोई" | मजरुह सुल्तानपुरी | आनंद-मिलिंद | उदित नारायण, साधना सरगम | 5:41 |
4. | "मेरी जान है तू" | मदन पाल | आदेश श्रीवास्तव | रूप कुमार राठौड़ | 5:00 |
5. | "मेरी जान है तू — II" | मदन पाल | आदेश श्रीवास्तव | अलका यागनिक | 5:00 |
6. | "सावन बरसे" | मजरुह सुल्तानपुरी | आनंद-मिलिंद | हरिहरन, साधना सरगम | 5:51 |
7. | "तुझे देखते ही ये दिल" | देव कोहली | आदेश श्रीवास्तव | कुमार सानु, अलका यागनिक | 4:50 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Love Jihad: जब धर्म की दीवार तोड़ सिनेमा में रची गईं ये कहानियां, लव जिहाद कानून के बीच चर्चा में आईं ये फिल्में". अमर उजाला. अभिगमन तिथि 30 अगस्त 2024.
- ↑ "डिजास्टर-फ्लॉप फिल्मों के किंग हैं अक्षय खन्ना, 25 साल के करियर में अपने दम पर नहीं दी एक भी HIT". Asianet News Network Pvt Ltd. अभिगमन तिथि 30 अगस्त 2024.