देवता (1978 फ़िल्म)
देवता 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह एस॰ रामानाथन द्वारा निर्देशित और एन॰ एन॰ सिप्पी द्वारा निर्मित है। इसमें संजीव कुमार और शबाना आज़मी ने अभिनय किया है।
देवता | |
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देवता का पोस्टर | |
निर्देशक | एस॰ रामानाथन |
निर्माता | एन॰ एन॰ सिप्पी |
अभिनेता |
संजीव कुमार, शबाना आज़मी, सारिका |
संगीतकार | राहुल देव बर्मन |
प्रदर्शन तिथि |
1978 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंटॉनी (संजीव कुमार) गाँव का रहने वाला अनाथ है जो अपनी प्रेमिका से शादी करता है। वो बच्चे को जन्म देते वक्त मर जाती है। वह अपनी बच्ची मैरी (शबाना आज़मी) पर अपना सारा प्यार दिखाता है। मैरी को एक लड़के से प्यार हो जाता है और जब वह उससे शादी करने से इंकार कर देता है तो टॉनी उससे मिलने जाता है। लेकिन वह उसे मृत पाता है।
इसके बाद, टॉनी को गिरफ्तार किया जाता है और आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है। लेकिन वह हिरासत से भाग जाता है। वर्षों बाद, जब टॉनी तरुण कुमार गुप्ता के रूप में लौटता है, मैरी प्रसन्नता और राहत महसूस करती है। टॉनी को अब यह तय करना होगा कि उसे फिर से भागना है या गिरफ्तारी और कारावास का सामना करना है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- संजीव कुमार ― टॉनी / तरुण कुमार
- शबाना आज़मी ― मैरी
- राकेश रोशन ― जॉर्ज
- सारिका ― लिली
- श्रीराम लागू ― फादर फर्नांडीस
- डैनी डेन्जोंगपा ― इंस्पेक्टर लॉरेंस
- असित सेन ― डॉ. शम्भूनाथ
- शुभा खोटे ― श्रीमती शम्भूनाथ
संगीत
संपादित करेंसभी गीत गुलज़ार द्वारा लिखित; सारा संगीत राहुल देव बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "चाँद चुरा के लाया हूँ" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 3:15 |
2. | "गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 3:25 |
3. | "जब एक क़ज़ा से गुजरो तो" | मोहम्मद रफ़ी | 3:15 |
4. | "मैं तो काले बदरवा से हारी" | लता मंगेशकर | 3:14 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंप्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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संजीव कुमार | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | नामित |
डैनी डेन्जोंगपा | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | नामित |