दुआर
दुआर (Dooars) भारत के पूर्व और पूर्वोत्तर भाग में हिमालय की तलहटी से दक्षिण और ब्रह्मपुत्र नदी से उत्तर के बीच के जलोढ़ मैदान को कहा जाता है। यह उत्तर-दक्षिण दिशा में लगभग 30 किमी (19 मील) चौड़ा और पश्चिम-पूर्व दिशा में पश्चिम बंगाल में तीस्ता नदी से लेकर असम में धनसीरी नदी तक 350 किमी (220 मील) लम्बा है। इसका अधिकांश भाग उत्तर में भूटान से सटा हुआ है।
दुआर Dooars | |
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पारिस्थितिकी | |
जैवभूक्षेत्र | इंडोमलायन जैवभूक्षेत्र |
भूगोल | |
देश | भारत |
राज्य | पश्चिम बंगाल, असम |
ऊँचाई | 90–1,750 मी॰ (300–5,740 फीट) |
निर्देशांक | 26°29′N 89°31′E / 26.49°N 89.52°Eनिर्देशांक: 26°29′N 89°31′E / 26.49°N 89.52°E |
नदियाँ | ब्रह्मपुत्र नदी |
संरक्षण | |
वैश्विक 200 | तराई-दुआर सवाना और घासभूमि |
नामार्थ
संपादित करेंदुआर का अर्थ नेपाली, असमिया, मैथिली, भोजपुरी, मगही और बंगाली भाषाओं में दरवाज़ा होता है और यह क्षेत्र भारत से भूटान के लिए प्रवेश द्वार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह संस्कृत के "द्वार" शब्द का रूप है।
विवरण
संपादित करेंपुराने ज़माने में भूटान के लोग मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों के साथ १८ मार्ग या द्वार के माध्यम से संपर्क कर सकते थे। संकोश नदी द्वारा पूर्वी और पश्चिमी दोआर में विभाजित यह ८८०० वर्ग कि॰मी॰ का क्षेत्र है। पश्चिमी दोआर बंगाल दोआर और पूर्वी दोआर असम दोआर के रूप में जाना जाता है।