द हीरो: एक जासूस की प्रेम कहानी

2003 की अनिल शर्मा की फ़िल्म

द हीरो: एक जासूस की प्रेम कहानी सन् 2003 में जारी हुई हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह अनिल शर्मा द्वारा निर्देशित और टाइम मैग्नेटिक्स द्वारा निर्मित है। इसमें सनी देओल, प्रीति जिंटा तथा प्रियंका चोपड़ा अपनी पहली बॉलीवुड फिल्म में हैं।[1] यह शक्तिमान द्वारा लिखित है। उत्तम सिंह ने आनन्द बक्शी और जावेद अख़्तर द्वारा लिखे गए गीतों के साथ संगीत तैयार किया है। इसे समीक्षकों से मिली-जुली सकारात्मक समीक्षाएँ मिलीं।[2]

द हीरो

द हीरो का पोस्टर
निर्देशक अनिल शर्मा
लेखक शक्तिमान तलवार
निर्माता धीरजलाल शाह
हंसमुख शाह
प्रवीन शाह
अभिनेता सनी देओल,
प्रीति ज़िंटा,
प्रियंका चोपड़ा,
अमरीश पुरी
संगीतकार उत्तम सिंह
प्रदर्शन तिथियाँ
11 अप्रैल, 2003
लम्बाई
183 मिनट
देश भारत
भाषा हिन्दी
लागत 35 करोड़
कुल कारोबार 45.13 करोड़

अनिल शर्मा की 2001 की फ़िल्म ग़दर: एक प्रेम कथा सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली भारतीय फ़िल्मों में से एक बनी थी। उस फ़िल्म की रिकॉर्ड-तोड़ सफलता के बाद, अनिल ने यह फिल्म बनाने का फ़ैसला किया। इस फिल्म को भव्यता का एहसास देने के लिए कई बड़े सेट बनाए गए और बॉलीवुड में नए एक्शन दृश्यों को समन्वित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्टंट विशेषज्ञों को काम पर रखा गया। फ़िल्म की निर्माण लागत बहुत ज़्यादा थी और यह उस समय तक बनी सबसे महंगी भारतीय फ़िल्म थी। इसे 11 अप्रैल 2003 को जारी किया थी।

अरुण खन्ना (सनी देओल) रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के लिए काम करने वाला सेना का खुफिया अधिकारी है। उसे कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर भेजा गया है। वह मेजर रवि बत्रा की पहचान के तहत वहां जाता है। वह सीमा पार पाकिस्तानी आतंकवादी गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए एक जासूसी नेटवर्क स्थापित करता है। पास के एक गाँव में, उसकी मुलाकात रेशमा (प्रीति ज़िंटा) से होती है। रेशमा बत्रा की मदद करने के लिए नेटवर्क में शामिल हो जाती है। वे दोनों प्यार में पड़ जाते हैं। वह अनिच्छा से उसे कर्नल हिदायतुल्ला के घर में एक अंडरकवर नौकरानी के रूप में काम करने के लिए पाकिस्तान भेज देता है। हिदायतुल्ला आईएसआई प्रमुख इसाक खान (अमरीश पुरी) और आतंकवादी मौलाना अजहर से जुड़ा हुआ है। रेशमा बत्रा को जानकारी देना शुरू कर देती है। उसमें पता चलता है कि वे कश्मीर में आतंकवादी हमले के लिए परमाणु बम बनाने की योजना बना रहे हैं। इसके बाद रेशमा का पर्दाफाश हो जाता है; वह भाग जाती है और उसका पीछा किया जाता है। लेकिन बत्रा उसे बचा लेता है और भारत वापस आ जाता है। बत्रा उससे शादी का प्रस्ताव रखता है। लेकिन आतंकवादियों के हमले के कारण उनकी सगाई की रस्म बीच में ही रुक जाती है। नदी में गिरने के बाद रेशमा लापता हो जाती है और बत्रा को मृत मान लिया जाता है। बत्रा को पता चलता है कि इसाक और अजहर हमले के लिए जिम्मेदार हैं। वह खुद की मौत होने का नाटक करता है और उनके आतंकवादी नेटवर्क में घुसपैठ करने की योजना बनाता है। भेष बदलकर, वह इसाक और अजहर का कनाडा तक पीछा करता है।

वहीं रेशमा लाहौर, पाकिस्तान के तट पर जीवित मिलती है। वहां उसे सलमान (प्रवीन दबस) द्वारा बचाया जाता है। बत्रा और अपने माता-पिता की मृत्यु के बारे में जानने के बाद वह चलने की क्षमता खो देती है। सलमान उसे डॉक्टर शाहीन ज़कारिया (प्रियंका चोपड़ा) की देखरेख में इलाज के लिए कनाडा ले जाता है। वह इसाक के सहयोगी और मुस्लिम कट्टरपंथी ज़कारिया (कबीर बेदी) की बेटी है। एक शॉपिंग मॉल में, रेशमा को एक मफलर मिलता है जिसे उसने बत्रा के लिए बुना था। उसे पता चलता है कि वह जीवित है और कनाडा में है। बत्रा अपनी पहचान बदलकर वाहिद नामक एक परमाणु वैज्ञानिक बन जाता है। ज़कारिया के समूह में घुसपैठ करने के लिए वह उसका विश्वास जीतता है और शाहीन से शादी करने लगता है। रेशमा उसकी शादी में बत्रा को वाहिद के रूप में देखती है और उसे पहचान लेती है। बत्रा रेशमा से कहता है कि वे साथ नहीं रह सकते क्योंकि अब उसकी शादी शाहीन से हो चुकी है। रेशमा का दिल टूट जाता है और वह भारत लौट आती है। उनकी बातचीत सुनकर शाहीन को सच्चाई पता चल जाती है और उसका दिल भी टूट जाता है। बत्रा शाहीन को उसके पिता के बारे में सच्चाई बताता है। लेकिन वह अपने पिता के आतंकवादी संबंधों की खबर पर विश्वास नहीं करती। फिल्म के अंत में शाहीन, इसाक को रोकने की कोशिश करती है लेकिन वह उसे मार देता है। मरने से पहले वह बत्रा को माफ कर देती है। बत्रा अन्य आतंकवादियों और इसाक को मार देता है। वह वापिस कश्मीर लौटता है और रेशमा से फिर से मिलता है।

मुख्य कलाकार

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सभी उत्तम सिंह द्वारा संगीतबद्ध।

क्र॰शीर्षकगीतकारगायकअवधि
1."दिल में है प्यार — I"आनन्द बक्शीउदित नारायण, अलका यागनिक, जसपिंदर नरूला6:02
2."दिल में है प्यार — II"आनन्द बक्शीअलका यागनिक, जसपिंदर नरूला4:58
3."मारी कोयल ने ऐसी कूक"आनन्द बक्शीजसपिंदर नरूला, शार्दुल सिकंदर7:24
4."सिर जिस पे ना झुक जाए"जावेद अख्तरउदित नारायण, सुनिधि चौहान6:22
5."तेरे शहर का"आनन्द बक्शीउदित नारायण, अलका यागनिक5:58
6."तुम भी ना मानो"जावेद अख्तरहरिहरन, अलका यागनिक7:16
  1. डेस्क, एबीपी एंटरटेनमेंट (12 अगस्त 2024). "अपनी डेब्यू फिल्म के दौरान सनी देओल से क्यों बात नहीं करती थीं प्रियंका चोपड़ा?". अभिगमन तिथि 7 सितम्बर 2024.
  2. Hungama, Bollywood (11 अप्रैल 2003). "The Hero Review 2/5 Film Review" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 7 सितम्बर 2024.

बाहरी कड़ियाँ

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