धनबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन
धनबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन, स्टेशन कोड DHN, भारतीय रेलवे का एक रेलवे स्टेशन है जो धनबाद शहर में स्थित है, जो भारतीय राज्य झारखंड के धनबाद जिले का मुख्यालय है। यह झारखंड का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है, जो हर दिन 100 से अधिक ट्रेनों और 100,000+ यात्रियों को सेवा उपलब्ध कराता है। धनबाद पूर्व मध्य रेलवे क्षेत्र के धनबाद रेलवे मंडल का मुख्यालय भी है। हावड़ा और नई दिल्ली को जोड़ने वाली ग्रैंड कॉर्ड रेल-लाइन धनबाद जंक्शन से होकर गुजरती है। धनबाद 23°47′32″N 86°25′42″E / 23.79222°N 86.42833°E पर स्थित है।[1] इसकी ऊंचाई 235 मीटर (771 फीट) है।
धनबाद जंक्शन Dhanbad Junction دھنباد جنکشن | |||||
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स्थानीय ट्रैन और लाइट रेल स्टेशन | |||||
![]() धनबाद जंक्शन | |||||
सामान्य जानकारी | |||||
स्थान | स्टेशन रोड, धनबाद, धनबाद जिला, झारखंड भारत | ||||
निर्देशांक | 23°47′32″N 86°25′42″E / 23.7922°N 86.4283°Eनिर्देशांक: 23°47′32″N 86°25′42″E / 23.7922°N 86.4283°E | ||||
उन्नति | 235.00 मीटर (771.00 फीट) | ||||
स्वामित्व | भारत सरकार | ||||
संचालक | भारतीय रेलवे | ||||
लाइन(एँ)/रेखा(एँ) | हावड़ा-इलाहाबाद-मुंबई रेलमार्ग | ||||
प्लेटफॉर्म | कुल 8 है और साथ मे 1A भी | ||||
ट्रैक | 12 | ||||
निर्माण | |||||
संरचना प्रकार | विकास में | ||||
पार्किंग | उपलब्ध | ||||
अन्य जानकारी | |||||
स्थिति | परिचालित | ||||
स्टेशन कोड | DHN | ||||
ज़ोन | पूर्व मध्य रेलेवे | ||||
मण्डल | धनबाद रेल मंडल | ||||
इतिहास | |||||
प्रारंभ | 1880 | ||||
पुनरनिर्मित | 1956 | ||||
विद्युतित | 1960 | ||||
पूर्व नाम | धनबाद | ||||
यात्री | |||||
Passengers | 100,000+ | ||||
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1894 में ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी ने धनबाद के रास्ते कतरासगढ़ तक अपनी लाइनें बढ़ाई थीं।[2]
धनबाद से झरिया और पाथरडीह को जोड़ने वाली एक और रेलवे लाइन हुआ करती थी। यह लाइन सीआईएस अनुभाग को काटती थी, जिससे वहां एक डायमंड क्रासिंग/चौराहा बनता था। अब जब कि लाइन को बंद कर दिया गया है, तो डायमंड क्रॉसिंग अब चालू नहीं है। पहले जब रांची और आसपास के इलाकों से बहुत कम ट्रेनें थीं, तब धनबाद के साथ-साथ टाटानगर रेलवे स्टेशन पूरे झारखंड राज्य के मुख्य रेलवे स्टेशनों के रूप में सेवारत था।
विवरण
संपादित करेंदुर्गापुर (हावड़ा से 158 किमी) और धनबाद और उससे आगे के सभी रास्ते के बीच की पूरी बेल्ट औद्योगिक हैं। कारखानों के अलावा, कई कोयले की खानें हैं, कुछ अब बंद हो गई हैं, और कुछ खानों की गहराई में आग लगी हुई हैं। खनन क्षेत्र एक बड़े क्षेत्र में फैली हुई है, ज्यादातर पटरियों के दक्षिण की ओर है। ट्रैक का एक हिस्सा कटाव क्षेत्र से गुजरता है, जहां आसपास का क्षेत्र ट्रैक स्तर से ऊंचा है, जिसके परिणामस्वरूप पटरियों के बीच छोटे चिनाई वाले पुलों का जाल है।
विद्युतीकरण
संपादित करें1960-61 में कुमारधुबी-धनबाद, प्रधानतंत्र-पाथरडीह और धनबाद-गोमो क्षेत्रों का विद्युतीकरण किया गया था।[3]
परिवहन और संयोजकता
संपादित करेंधनबाद स्टेशन रोडवेज द्वारा बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन के ठीक बाहर एक बस स्टैंड है, जहाँ कोलकाता, जमशेदपुर, रांची, बोकारो, आसनसोल और दुर्गापुर जैसे नजदीकी शहरों के लिए बसें आसानी से उपलब्ध हैं।
स्टेशन के बाहर, एक टैक्सी स्टैंड है जिसमें बहुत सारी टैक्सियाँ उपलब्ध हैं।
रांची और जमशेदपुर के साथ धनबाद को जेएनएनयूआरएम योजना के तहत बसें, शहर यातायात के लिए प्रदान किया गया था। इन बसों का उपयोग स्थानीय परिवहन के लिए किया जाता है।
ऑटो शहर में नागरिक परिवहन का मुख्य आधार बना हुआ है। इन ऑटो का उपयोग, बहुत मामूली किराए पर शहर के किसी भी कोने की यात्रा किया जा सकता है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Dhanbad Junction". Wikimapia. Archived from the original on 23 सितंबर 2010. Retrieved 1 December 2011.
- ↑ E.R., Gee. "History of Coal Mining in India". pages 314-315. Archived from the original on 21 अप्रैल 2016. Retrieved 17 July 2013.
- ↑ "History of Electrification". information published by CORE (Central Organization for Railway Electrification). CORE (Central Organization for Railway Electrification). Archived from the original on 25 दिसंबर 2007. Retrieved 17 July 2013.
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